![wiki-commons_1482095153](http://www.livehalchal.com/wp-content/uploads/2016/12/wiki-commons_1482095153-300x169.jpeg)
‘प्रिंसिपिया मैथेमेटिका’ नामक यह किताब साल 1687 में लिखी गई थी। मशहूर भौतिक वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन ने इसे ऐसी सबसे बड़ी बौद्धिक छलांग करार दिया था, जिसे करने का मौका शायद ही किसी व्यक्ति को मिला हो। इस किताब की बिक्री का काम देखने वाले नीलामी घर क्रिस्टीज़ ने उम्मीद की थी कि बकरी की खाल के कवर वाली इस किताब के 10 से 15 लाख डॉलर मिल जाएंगे। बोली लगाने वाले एक व्यक्ति ने इसे 25 करोड़ रुपये में खरीद लिया।
‘लाइव साइंस’ की खबर के अनुसार, प्रिंसिपिया मैथेमेटिका में न्यूटन के गति के तीन नियमों की व्याख्या की गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से चीजें बाहरी बलों के प्रभाव में गति करती हैं। भौतिकी के छात्र आज भी इन नियमों का इस्तेमाल करते हैं। क्रिस्टीज के अनुसार, लाल रंग की इस किताब की लंबाई नौ इंच और चौड़ाई सात इंच है।
इसमें 252 पृष्ठ हैं। इनमें कई पन्नों पर लकड़ी के चित्र भी हैं। किताब में एक मुड़ सकने वाली प्लेट भी है। न्यूटन के सिद्धांतों की एक ही अन्य मौलिक प्रति पिछले 47 साल में बेची गई है। उस प्रति को किंग जेम्स द्वितीय (1633-1701) को उपहार स्वरूप दिया गया था। उसे दिसंबर 2013 में क्रिस्टीज न्यूयार्क में 25 लाख डॉलर में खरीदा गया था।
‘लाइव साइंस’ की खबर के अनुसार, प्रिंसिपिया मैथेमेटिका में न्यूटन के गति के तीन नियमों की व्याख्या की गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह से चीजें बाहरी बलों के प्रभाव में गति करती हैं। भौतिकी के छात्र आज भी इन नियमों का इस्तेमाल करते हैं। क्रिस्टीज के अनुसार, लाल रंग की इस किताब की लंबाई नौ इंच और चौड़ाई सात इंच है।
इसमें 252 पृष्ठ हैं। इनमें कई पन्नों पर लकड़ी के चित्र भी हैं। किताब में एक मुड़ सकने वाली प्लेट भी है। न्यूटन के सिद्धांतों की एक ही अन्य मौलिक प्रति पिछले 47 साल में बेची गई है। उस प्रति को किंग जेम्स द्वितीय (1633-1701) को उपहार स्वरूप दिया गया था। उसे दिसंबर 2013 में क्रिस्टीज न्यूयार्क में 25 लाख डॉलर में खरीदा गया था।