क्रिकेट के भगवान एवं मनोनीत सचिन तेंदुलकर गुरुवार को पहली बार राज्यसभा में बोलने के लिए खड़े हुए, लेकिन विपक्ष के हंगामे के चलते वो बोल नहीं पाए। इस घटना के बाद सचिन जो मुद्दा सभा में उठाना चाहते थे, उसे उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए देश के सामने रखा है। सचिन ने अपने फेसबुक पेज पर उस भाषण का वीडियो अपलोड किया है, जिसे वो राज्यसभा में बोलने वाले थे। 
सचिन का यह वीडियो भाषण 15.32 मिनट लंबा है और उन्होंने इसमें बताया है कि और भारत को एक स्पोर्टिंग देश के तौर पर देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा है कि भारत सिर्फ खेल को पसंद करने वाला ही नहीं बल्कि खेलने वाला देश बनाना चाहते हैं।
सचिन ने कहा कि देश में ऐसे कई मुद्दे हैं जिनपर ध्यान देने की जरुरत हैं, लेकिन मैं एक खिलाड़ी होने के नाते खेल, स्वास्थ्य और फिटनेस पर बात करूंगा। मेरा सपना स्वस्थ्य और फिट इंडिया का है। उन्होंने एक हिंदी मुहावरे का भी इस्तेमाल किया, उन्होंने कहा, ‘जब स्वस्थ युवा, तब देश में कुछ हुआ।’
सचिन ने इस वीडियो में कहा है कि भारत आज सबसे ज्यादा युवाओं वाला देश हैं, लेकिन देश की 7.5 करोड़ लोग डायबेटिस की बीमारी से ग्रस्त हैं। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा डायबेटिक पीड़ित देश है। इससे इकोनॉमी पर भी काफी प्रभाव पड़ता है और इससे देश के तरक्की भी रूकती है।
सचिन ने अपने पिता प्रो. रमेश तेंदुलकर को धन्यवाद करते हुए कहा कि मेरे पिता एक कवि और लेखक भी थे। उन्होंने मुझे हमेशा खेलने के लिए प्रोत्साहित किया। मैंने जो भी अपनी जिंदगी में करना चाहा, उसमें मेरा साथ दिया। मेरे पिता का सबसे खास तोहफा यह रहा कि मुझे खेलने की आजादी और खेलने का अधिकार दिया। इसके लिए मैं अपने पिता का हमेशा आभारी रहूंगा।
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