सरकार ने कहा है कि राजनीतिक दलों को नोटबंदी और 15 दिसंबर को लागू आयकर संशोधन अधिनियम 2016 के बाद कोई छूट हासिल नहीं है। ये दल अब पुराने 500 और 1000 के नोट स्वीकार नहीं कर सकते क्योंकि अब ये कानूनी करेंसी नहीं रह गए हैं।
नोटबंदी के बाद कोई भी राजनीतिक पार्टी 500 और 1000 के नोट दान के तौर पर स्वीकार नहीं कर सकती क्योंकि ये अब कानूनी करेंसी नहीं रह गए हैं। किसी भी राजनीतिक दल का ऐसा करना कानून का उल्लंघन होगा।
अगर राजनीतिक दलों के खातों के ब्योरे उसके दावे से मेल नहीं खाते तो आयकर अधिकारी आम लोगों की तरह ही उनसे भी पूछताछ कर सकते हैं। राजनीतिक दलों को इस संबंध में बने कानून से कोई छूट नहीं है। वित्तमंत्री ने पत्रकारों से विनती करते हुए कहा कि अगर सरकार का कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ न हो तो वे गुस्सा जाहिर कर सकते हैं। लेकिन मेरा कहना है कि वे सरकार के कदम पर तुरंत निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले पूरी रिसर्च कर लें।
आयकर संशोधन अधिनियम के बारे में उन्होंने कहा आज के तुरंत गुस्से के दौर में एनडीए सरकार ने 35 साल एक पुराने कानून को नए सिरे से संसद में पारित किया है। वित्तमंत्री ने कहा राजनीतिक दलों को दिया जाने वाला दान या चंदा आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13 के तहत आता है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से नरेंद्र मोदी के उदाहरण से सबक लेने की अपील है और कहा है कि वे भी अपने सांसदों और विधायकों को नोटबंदी के बाद अपने बैंक खातों का ब्योरा पेश करने को कहें।
आयकर संशोधन अधिनियम के बारे में उन्होंने कहा आज के तुरंत गुस्से के दौर में एनडीए सरकार ने 35 साल एक पुराने कानून को नए सिरे से संसद में पारित किया है। वित्तमंत्री ने कहा राजनीतिक दलों को दिया जाने वाला दान या चंदा आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13 के तहत आता है। उन्होंने अन्य राजनीतिक दलों से नरेंद्र मोदी के उदाहरण से सबक लेने की अपील है और कहा है कि वे भी अपने सांसदों और विधायकों को नोटबंदी के बाद अपने बैंक खातों का ब्योरा पेश करने को कहें।