समाजवादी पार्टी के मुखिया और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर जन्माष्टमी को लेकर बयान पर पलटवार किया है. अखिलेश ने कहा कि थाने में पहली से जन्मष्टमी मनाई जाती रही है. योगी सरकार 100 साल का इतिहास बता दे कि कब जन्माष्टमी नहीं मनी. अखिलेश यादव ने कहा कि सड़क पर सिर्फ नमाज ही नहीं होती बल्कि सड़क पर शादी ब्याह और उत्साह के कार्यक्रम होते हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार बनेगी तो हर थाने को पांच लाख रूपये दिये जायेंगे- होली, दीवाली, ईद,क्रिसमस मनाने के लिये. अखिलेश ने धर्म के नाम पर सियासत पर सवाल खड़े किए और योगी को डिजिटल सीएम नाम दिया.
अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेस करके योगी सराकर के उन सभी सवालों पर कड़े हमले किए हैं जिन्हें योगी सरकार ने पिछले दिनों थाने में जन्मष्टमी मनाने को लेकर दिए थे. अखिलेश ने योगी जी सड़क की फिक्र कर रहे हैं आज सड़क पर गाय घूम रही है. एक्सप्रेस वे पर गाय छोड दी गयी है. जन्माष्टमी थाने में हमेंशा से मनायी जाती रही है, कभी किसी ने एतराज जाहिर नही किया. पिछले 100 सालों में कब जन्मष्टमी नहीं मनाई गई.
क्या कहा था योगी ने?
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इससे पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि, ”अगर मैं सड़क पर ईद के दिन नमाज पढ़ने पर रोक नहीं लगा सकता तो मुझे कोई अधिकार नहीं कि मैं थानों में जन्माष्टमी के पर्व को रोकूं.” दरअसल, योगी आदित्यनाथ ने ये बयान पिछली सरकार से जोड़कर दिया. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग जो खुद को यदुवंशी कहते हैं, उन्होंने पुलिस स्टेशन और पुलिस लाइंस में जन्माष्टमी के आयोजनों पर रोक लगाई थी. योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ यात्रा का भी जिक्र किया और कहा- कांवड़ यात्रा के दौरान अधिकारियों ने मुझे बताया कि डीजे और म्यूजिक सिस्टम के इस्तेमाल पर बैन है. मैंने कहा कि ये कांवड़ यात्रा है या शव यात्रा अरे कांवड़ यात्रा में बाजे नहीं बजेंगे, डमरू नहीं बजेगा, ढोल नहीं बजेगा, चिमटे नहीं बजेंगे, लोग नाचेंगे नहीं, माइक नहीं बजेगा तो वो यात्रा कांवड़ यात्रा कैसे होगी?”
मीडिया रिपोर्टों को मुताबिक योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन से सभी धार्मिक स्थलों से कोई आवाज बाहर न आने देने की बात कही थी. योगी ने बताया, ”मैंने प्रशासन से कहा कि मेरे सामने एक आदेश पारित करिए कि माइक हर जगह के लिए प्रतिबंधित होनी चाहिए. हर जगह बैन करो और ये तय करिए कि किसी भी धर्मस्थल में, उसके दायरे से बाहर, उसकी आवाज नहीं आनी चाहिए. क्या इसको लागू कर पाएंगे? अगर लागू नहीं कर सकते हैं तो फिर इसको भी हम लागू नहीं होने देंगे, यात्रा चलेगी.” पुलिस थानों