फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर थाना से फतेहपुर पुलिस ने नेपाल के एक मौलवी को अरेस्ट किया है। मौलवी बीते 15 वर्षों से भारत में फर्जी पहचान और कागज़ातों के साथ रह रहा था। यहाँ उस पर मुस्लिम युवकों को भड़काने और हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण कराने के भी इल्जाम लगे हैं। मस्जिद सदस्यों ने खुद ही उसके विरुद्ध शिकायत की हुई थी। अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बाताया कि नेपाल देश का एक संदिग्ध नागरिक जो मेवाती मोहल्ला थाना गाजीपुर जनपद फतेहपुर में बहुत सालों से रह रहा था। यहाँ रहते हुए उसने वोटर आईडी, आधार कार्ड, पैन कार्ड और 2016 में पासपोर्ट बनवा लिया था।
राजेश कुमार ने बताया कि एक संयुक्त टीम ने इसकी जाँच की और बाद में संबंधी धाराओं में केस दर्ज किया गया है। अब मामले में पुलिस जांच कर रही है। आगे जो कार्रवाई होगी की जाएगी। पुलिस की पूछताछ में मौलाना ने बताया कि वह नेपाल के महोत्री जिले का निवासी है, जो 2001 में फतेहपुर आया था और 5 वर्षों तक वहीं रहा। इसके बाद वह गाजीपुर पहुँच गया और वहाँ बड़ी मस्जिद के लोगों के संपर्क में आया। सदस्यों ने 2006 में इसे बड़ी मस्जिद की जिम्मेदारी देकर मौलवी बना दिया। यहाँ वह नमाज पढ़ाने के साथ बच्चों को दीनी तालीम देता था। किन्तु दो साल से वह झाड़फूंक भी करने लगा था। मस्जिद सदस्यों ने उसकी हरकतें देख, उसे इमाम पद से हटवा दिया और बीते 24 सितंबर को उसके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई गई।
फतेहपुर मस्जिद कमेटी के सदस्य मजीद खान का कहना है कि मौलाना मुस्लिम युवाओं को गलत तालीम देता था। वह कहते हैं कि फिरोज कहीं से भटकते हुए यहाँ आ गया था। इसके बाद इसे मस्जिद में रख लिया गया। यहाँ यह मौलवी बन बच्चों को शिक्षा देता रहा। 14-15 साल गुजर गए। मगर 2 वर्ष पूर्व उसे मस्जिद से निकाल दिया गया। क्योंकि वो बच्चों को गलत तालीम देता था। कहता था- ‘आप पराई लड़कियों को लाइए, उसमें पैसा भी मिलेगा और मजा भी आएगा।’ मौलवी इस तरह की भड़काऊँ बातें करता था।
मजीद खान कहते हैं कि एक बार कोई मुस्लिम युवक, एक ब्राह्मण लड़की को भगा कर लाया था, तो फिरोज ने उसका धर्म परिवर्तन करवा कर उसका निकाह भी करवा दिया। इस सम्बन्ध में पुलिस को शिकायत दी गई। किन्तु तब कार्रवाई नहीं हुई। मजीद के अनुसार, वह बस इतना चाहते हैं कि फिरोज को हटाया जाए ताकि गाँव की एकता को नुकसान न पहुंचे। वह कहते हैं कि ये आदमी अपने आपको नेपाल का बताता है, मगर होने को ये बांग्लादेश का भी हो सकता है या फिर रोहिंग्या भी हो सकता है।