रेल से सफर करने वाले यात्रियों को अब ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। रेल किराए में बढ़ोत्तरी हो सकती है। सकता है। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मताबिक इस साल जून तक सरकार रेल विकास प्राधिकरण के नाम से एक स्वतंत्र रेलवे नियामक का गठन कर सकती है।
यह नियामक यात्री भाड़े और माल भाड़े में बदलाव करने संबंधी सुझाव देगी। ये सुझाव रेलवे के डायरेक्ट और इनडायरेक्ट ख़र्चे जैसे कि पेंशन, कर्ज़ और बाज़ार की और ताक़तों के आधार पर दिए जाएंगे।रिपोर्ट के अनुसार फ़िलहाल रेल राजस्व का 67 फ़ीसदी हिस्सा माल भाड़े से आता है जबकि केवल 27 फ़ीसदी आय यात्री भाड़े से होती है। रेलवे माल भाड़े से कमाए अपने लाभ से यात्री भाड़े में सब्सिडी देता है।
अख़बार के अनुसार एक अधिकारी का कहना है कि सरकार लंबे वक्त से रेल किराये तय करने संबंधी फ़ैसलों को राजनीति से अलग रखना चाहती थी और हो सकता है कि इस प्रस्ताव को इसी महीने कैबिनेट की मंज़ूरी मिल जाए।