अहमदाबाद। अहमदाबाद कोर्ट ने एक गुजराती पुस्तक की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया है जिसके लेखक कांग्रेस नेता जयेश शाह हैं, किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कथित तौर पर उपहास किया है। सिविल अदालत के जज एएम दवे ने संविधान के अनुच्छेद 19 का हवाला दिया और याचिका खारिज कर दी।
जज ने कहा कि किताब ‘फेंकूजी हैव दिल्ली मा (फेंकू जी दिल्ली में हैं)’ पर प्रतिबंध लगाने से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार का उल्लंघन होगा। किताब में 2014 के लो कसभा चुनाव प्रचार के दौरान मोदी के कई वादों की सूची है और दावा किया गया है कि वह इन वादों को निभाने में विफल रहे हैं।
किताब मोदी की छबि हो रही है खराब
किताब पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका सामाजिक कार्यकर्ता नरसिंह सोलंकी ने दायर की। जिनका कहना है कि किताब का उद्देश्य मोदी को बदनाम करना है। सोलंकी ने आरोप लगाया कि किताब की विषय वस्तु और नाम अपमानजनक और अनादर करने की प्रकृति वाला है और इससे प्रधानमंत्री की छवि खराब होगी।सोलंकी के मुताबिक मोदी महज दो वर्ष पहले सत्ता में आए और चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को पूरा करने के लिए यह काफी कम समय है।
सोलंकी ने किताब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत से तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग की जो पिछले कुछ महीने से बाजार में है।
बहरहाल सोलंकी के तर्कों से सहमत नहीं होते हुए जज ने कहा कि भारत एक लोकतंत्र है और लोगों को किताब के माध्यम से अपने निजी विचार रखने का पूरा अधिकार है।
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