उन्होंने कहा- इस कार्यक्रम में आवाज मेरी होती है, लेकिन वास्तव में उदाहरण, उत्साह और भाव देशवासियों के होते हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि उन्होंने मन की बात के लिए रेडियो का चयन इसलिए किया क्योंकि यह संचार का सबसे ताकतवर स्रोत है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कभी-कभी मन की बात का मजाक भी उड़ता है। यह सरकारी बात नहीं है, बल्कि समाज की बात है। भारत का मूल प्राण, राजनीति और राजशक्ति नहीं बल्कि समाजनीति और समाजशक्ति है। राजनीति में कुछ भी हो जाए, लेकिन समाज के लिए यह ठीक नहीं है। राजनीति कभी-कभी इतनी हावी हो जाती है कि लोगों के पुरुषार्थ दब जाते हैं।’’
युवाओं के पास आइडिया की भरमार
मोदी ने कहा, ‘‘युवाओं के पास हमेशा आइडिया की भरमार रहती है। वे अत्याधिक एनर्जेटिक, इनोवेटिव और फोकस्ड होते हैं। मन की बात के माध्यम से मैं युवाओं के प्रयासों को, उनकी बातों को ज्यादा से ज्यादा साझा करने का प्रयास करता हूं। अक्सर शिकायत होती है कि युवा बहुत सवाल करते हैं, मैं कहता हूं कि यह अच्छा है कि वो खोजबीन करना चाहते हैं। कई लोग कहते हैं कि युवाओं के पास धैर्य नहीं है, मैं कहता हूं कि उनके पास बर्बाद करने के लिए समय नहीं है। कई लोग कहते हैं कि युवा पीढ़ी एक समय में कई चीजें करना चाहती है। मैं कहता हूं उनके पास मल्टीटास्किंग का कौशल है।’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘सरकार ने करतारपुर कॉरिडोर को खोलने का बेहद महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इससे हमारे देश के लोग अासानी से पाकिस्तान स्थित करतारपुर में गुरुनानक देव जी के पवित्र स्थल तक जा सकेंगे। गुरुनानक देव जी ने सदा ही पूरी मानवता के कल्याण के लिए सोचा। उन्होंने समाज को हमेशा सत्य, कर्म, सेवा, करुणा और सौहार्द का मार्ग दिखाया। देश अगले वर्ष गुरुनानक देव जी की 550वीं जयंती भव्य रूप से मनाएगा।’’
संविधान निर्माताओं को भी किया याद
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘कल संविधान दिवस है। उन महान विभूतियों को याद करने का दिन जिन्होंने हमारा संविधान बनाया। संविधान ड्राफ्ट करने के ऐतिहासिक कार्य को पूरा करने में संविधान सभा को 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन लगे थे। उन्होंने जिस असाधारण गति से संविधान का निर्माण किया वो आज भी टाइम मैनेजमेंट और प्रोडक्टिविटी का उदाहरण है। संविधान सभा के बारे में बात करते हुए उस महापुरुष का योगदान कभी नहीं भुलाया जा सकता जो संविधान सभा के केंद्र में रहे। ये महापुरुष थे पूजनीय बाबासाहब अम्बेडकर। 6 दिसंबर को उनका महा-परिनिर्वाण दिवस है। मैं सभी देशवासियों की ओर से बाबा साहेब को नमन करता हूं, जिन्होंने करोड़ों भारतीयों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया।’’
मोदी ने कहा, ‘‘मुझसे लोगों ने पूछा कि आप लोगों से बात करने के लिए रेडियो का इस्तेमाल क्यों करते हैं। मैं आपको किस्सा सुनाना चाहूंगा। मैं हिमाचल में था। वहां पहाड़ियों में रात को ठंड हो जाती है। मैं ढाबे में रात में रुका। वो एक ठेला ही था। उसने अपने पास शीशे के बर्तन से लड्डू निकाला और मुझे दिया। कहा- लीजिए भाईसाहब लड्डू खाइए। उसने मुझसे कहा- भारत ने बम फोड़ दिया है। वो परमाणु परीक्षण का दिन था और प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मीडिया के सामने इसकी घोषणा की थी। रेडियो से यह पूरे देश में फैल गई। उस दिन मेरे मन में यह बात घर कर गई कि रेडियो काफी ताकतवर स्रोत है। जब मैं प्रधानमंत्री बना तो मेरी इच्छा थी कि मैं इस सबसे ताकतवर संचार स्रोत का प्रयोग करूं। ’’
कुछ दिन पहले ही कार्यक्रम से जुड़े पहलुओं, लोगों की सहभागिता, विभिन्न विषयों और कार्यक्रमों के बारे में लोगों की राय जानने के लिए मन की बात सर्वे कराया गया। प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में कहा था कि मन की बात के 50 एपिसोड पूरे हो रहे हैं। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि इस कार्यक्रम के बारे में हो रहे सर्वेक्षण में हिस्सा लें। आपके विचार बहुत उपयोगी होंगे।
मन की बात में अब तक खास
2014 में कार्यक्रम के जरिए उन्होंने लोगों से खादी पहनने का आग्रह किया। महीने भर में खादी की बिक्री में 125% की बढ़ोतरी देखी गई।
2015 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के 40 साल पूरा होने पर देश के वीर सैनिकों को शौर्यांजलि देने की उनकी अपील भी खासी लोकप्रिय हुई थी।
सेल्फी विद डॉटर : बेटी बचाओ आंदोलन के तहत पीएम मोदी ने ‘सेल्फी विद डॉटर’ अभियान चलाने का आह्वान किया, जो वायरल हुआ था।
एलपीजी सब्सिडी छोड़ें : मोदी की एलपीजी सब्सिडी छोड़ने की अपील भी कारगर रही।
एग्जाम वॉरियर : परीक्षा से पहले तनाव कम करने का मोदी का फॉर्मूला बच्चों और पैरेंट्स के बीच बहुत सराहा गया। बाद में मोदी ने इसी पर आधारित किताब ‘एग्जाम वॉरियर’ भी लिखी।
बराक ओबामा और सचिन तेंदुलकर के साथ भी मोदी ने संयुक्त रूप से मन की बात में लोगों को संबोधित किया।