नई दिल्ली: पिछले साल भारतीय महिला हॉकी टीम को 13 साल बाद एशिया कप में खिताबी जीत दिलाने वाले मुख्य कोच हरेंद्र सिंह शांत बैठने वाले कोचों में से नहीं हैं. हरेंद्र का कहना है कि वह महिला टीम को ‘मॉर्डन हॉकी’ के शीर्ष स्तर तक पहुंचाना चाहते हैं और तभी उन्हें पूरी तरह से संतुष्टि मिलेगी. उन्होंने एक साक्षात्कार में कोच ने टीम से जुड़ी कई चीजों पर चर्चा की.
‘मॉर्डन हॉकी’ के स्तर के बारे में विस्तार से बात करते हुए हरेंद्र ने कहा, “हॉकी इंडिया के साथ मिलकर हमने यह फैसला किया है कि युवा खिलाड़ियों को भी कई मौके दिए जाएंगे, ताकि हम प्रतिभाशाली खिलाड़ियों का एक बड़ा समूह तैयार कर सकें. ऐसे में चयनकतार्ओं के लिए एक टीम का चयन करना मुश्किल होगा और यहीं अच्छी बात होगी, क्योंकि हर खिलाड़ी खास होगी.”
उन्होंने कहा, “देखा जाए, तो ‘मॉर्डन हॉकी’ की मांग है कि हर खिलाड़ी फुर्तीला और तेज हो. इसलिए, मैं शिविर के दौरान महिला खिलाड़ियों की फुर्ती और तेजी में अधिक ध्यान दे रहा हूं.” कोच हरेंद्र ने कहा, “इस प्रकार से हमारे पास अपने आप ही शानदार खिलाड़ियों का एक पूल तैयार हो जाएगा, जिसमें हमारे पास चयन के कई विकल्प शामिल होंगे. जब ऐसा हो जाएगा, तब हम ‘मॉर्डन हॉकी’ के स्तर को हासिल कर लेंगे. इससे हमें भी संतुष्टि होगी कि हम विकास के पथ पर हैं.”
पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी हरेंद्र ने पिछले साल ही महिला टीम के मुख्य कोच का कार्यभार संभाला था. उन्होंने 1998 से कोचिंग में कदम रखा. 2009 से 2011 को बीच वह पुरुष हॉकी टीम के कोच थे. महिला टीम को एक स्तर में आंकने के बारे में कोच हरेंद्र ने कहा, “अंक के माध्यम से हम 5 से 7 के बीच हैं. इसी को नजर में रखकर हम कोरिया दौरे पर जाएंगे, जहां हम आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे. अभी हम विश्व रैंकिंग में शीर्ष-10 में हैं, लेकिन अब हमारी कोशिश शीर्ष-6 में शामिल होने की होगी. इसी के तहत हमने 2018 की तैयारी की है. इसलिए, हमने अनुभवी खिलाड़ियों और युवा खिलाड़ियों के मेल-जोल से टीम बनाई है.”
साल 2014 में हरेंद्र को जूनियर पुरुष हॉकी टीम का कोच नियुक्त किया गया था. उनके मार्गदर्शन में टीम ने 2016 में जूनियर विश्व कप का खिताब जीता. हरेंद्र का कहना है कि देश की महिला टीमों में काफी क्षमता है. उन्होंने कहा, “यहां मैं केवल हॉकी की ही बात नहीं कर रहा हूं. हर खेल में शामिल महिला टीमों में क्षमता है और इसे समझने की जरूरत है. उनके बलबूते पर देश और भी उपलब्धि हासिल कर सकता है.”
युवा महिला खिलाड़ियों को मौका देने के तहत 2020 टोक्यो ओलम्पिक के लिए एक नई टीम तैयार करने के बारे में हरेंद्र ने कहा, “हम भविष्य की बात तभी करेंगे, जब हम वर्तमान को सही करेंगे. 2020 को हमने ध्यान में रखा है. हालांकि, इस दौरान हम टीम में कई बदलाव करते रहेंगे, ताकि टोक्यो ओलम्पिक खेलों के लिए एक बेहतरीन टीम तैयार की जा सके.”
भारतीय हॉकी के लिए यह साल काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस साल कई बड़े टूर्नामेंट हैं. ऐसे में खिलाड़ियों को सुरक्षित रखने के बारे में हरेंद्र ने कहा, “हॉकी इंडिया और कोचों ने यह फैसला किया है कि हम टीम के साथ प्रयोग करते हुए चलेंगे. इसलिए, हम बीच-बीच में नई खिलाड़ियों को भी आजमाएंगे. बड़े टूर्नामेंटों के साथ-साथ कई टेस्ट मैच भी होंगे, जिसमें हम ये प्रयोग करेंगे. इससे हमारे पास अच्छे विकल्प भी होंगे और नई खिलाड़ियों को भी मौका मिलेंगे.”