साल 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले का चश्मदीद मोशे होल्ट्सबर्ग करीब नौ साल बाद अपने घर मुंबई लौट आया है। मोशे मंगलवार सुबह इजरायल से मुंबई एयरपोर्ट पहुंचा। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मोशे मुंबई में एक मेमोरियल का उद्घाटन करेगा। मोशे अपने दादा रब्बी होल्ट्सबर्ग नाचमन के साथ मुंबई आया है।
संवाददाताओं से बातचीत में नाचमन ने कहा, ‘यह बहुत खास दिन है। ईश्वर का धन्यवाद कि मोशे दोबारा लौट सका। मुंबई अब काफी सेफ है।’ बता दें, मुंबई के आतंकी हमले नन्हें मोशे ने अपने माता-पिता को खो दिया था। मोशे ने अब फिर मुंबई आकर घरवापसी की है। दरअसल, मोशे मुंबई में रह कर अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहता है। अपनी इस इच्छा को पूरी करने के लिए उसने प्रधानमंत्री नरेंद मोदी से मुलाकात भी की थी।
मुंबई में 2008 में एक यहूदी केंद्र पर हुए आतंकी हमले में में मोशे जीवित बच गया था। यरूशलम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई एक भावुक मुलाकात के दौरान मोशे ने मुंबई आने की इच्छा जताई थी। मुंबई हमले के समय वह दो वर्ष का था। नरीमन हाउस और ताज होटल समेत अन्य जगहों पर हुए हमलों में 166 लोगों की मौत हो गई थी। परिजन के बीच खड़े और रो रहे बच्चे की जान उसकी भारतीय रिश्तेदार नैनी सैंड्रा सैमुअल्स ने बचाई थी।
मुंबई में पढ़ना चाहता है मोशे
मोशे ने उस मुलाकात के दौरान मोदी से कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मैं मुंबई जा सकूंगा और जब मैं बूढ़ा हो जाउंगा, वहां रहूंगा। मैं हमारे चबाड़ हाउस का निदेशक बनूंगा। मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘भारत और मुंबई आओ और वहीं रहो। तुम्हारा तहे दिल से स्वागत है। तुम्हें और तुम्हारे पूरे परिवार को लंबी-अवधि के वीजा दिए जाएंगे, जिससे कि तुम कभी भी आ सको और कहीं भी जा सको।’
मोशे ने उस मुलाकात के दौरान मोदी से कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मैं मुंबई जा सकूंगा और जब मैं बूढ़ा हो जाउंगा, वहां रहूंगा। मैं हमारे चबाड़ हाउस का निदेशक बनूंगा। मोदी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘भारत और मुंबई आओ और वहीं रहो। तुम्हारा तहे दिल से स्वागत है। तुम्हें और तुम्हारे पूरे परिवार को लंबी-अवधि के वीजा दिए जाएंगे, जिससे कि तुम कभी भी आ सको और कहीं भी जा सको।’