नीलकंठ ग्रुप के सिंडीकेट ने नोटबंदी के बाद काले धन को सफेद कर खूब कमाई की है। एक महीने के भीतर ग्रुप के कई बैंक खातों में 11 करोड़ रुपये का कैश जमा किया गया। आयकर विभाग ने शिकंजा कसा तो पता चला कि मिठाई के शोरूम में नोट बदलने की ‘दुकान’ चल रही थी।
आयकर विभाग के सूत्रों का कहना है कि नीलकंठ ग्रुप के मुखिया वीरेंद्र गुप्ता के गोमतीनगर आवास की 36 घंटे तक चली जांच में काला धन सफेद करने वालों का ब्यौरा भी हाथ लग गया है।
इनमें आईएएस, पूर्व आईपीएस, राजकीय निर्माण निगम, एलडीए, बिजली के कुछ इंजीनियर एवं बड़े व्यापारी शामिल हैं। आयकर अफसर वीरेंद्र गुप्ता से पता लगा रहे कि किसने कितना काला धन सफेद कराया। इसके बाद आयकर का शिकंजा काला धन सफेद करने वालों पर कसा जाएगा।
इनमें आईएएस, पूर्व आईपीएस, राजकीय निर्माण निगम, एलडीए, बिजली के कुछ इंजीनियर एवं बड़े व्यापारी शामिल हैं। आयकर अफसर वीरेंद्र गुप्ता से पता लगा रहे कि किसने कितना काला धन सफेद कराया। इसके बाद आयकर का शिकंजा काला धन सफेद करने वालों पर कसा जाएगा।
इस सिंडीकेट ने जिसके 1000 एवं 500 के नोट की ब्लैक मनी को व्हाइट किया, उसकी नीलकंठ मिठाई शोरूम में मिठाई की बिक्री में खपाया गया। यानी कमीशन पर पुराने नोट बदले और उनको शहर की कई शोरूम की सेल बुक में दर्ज कर दिया।
आयकर अफसर बताते कि बड़े पैमाने पर पुराने और नए नोट रामनगर एवं ऐशबाग के दो ठिकानों पर रखे जाने की पुख्ता सूचना थी। बैंक अधिकारी उस वक्त चौंके जब नीलकंठ ग्रुप के खातों में महीने भर में ही 11 करोड़ रुपये के नोट जमा हुए जिसकी सूचना आयकर विभाग को दी गई।
आयकर अफसर बताते कि बड़े पैमाने पर पुराने और नए नोट रामनगर एवं ऐशबाग के दो ठिकानों पर रखे जाने की पुख्ता सूचना थी। बैंक अधिकारी उस वक्त चौंके जब नीलकंठ ग्रुप के खातों में महीने भर में ही 11 करोड़ रुपये के नोट जमा हुए जिसकी सूचना आयकर विभाग को दी गई।
कमीशन रेट
तत्काल 40 फीसदी
तीन माह में 25 फीसदी
तत्काल 40 फीसदी
तीन माह में 25 फीसदी