ऐसे करें पूजा अराधना:
सुबह स्नान ध्यान करने के बाद मां दुर्गा की प्रतिमा को शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद वस्त्र आभूषणों द्वारा उनका पूरा श्रंगार करें। धूप, दीप, नैवेद्य से देवी की पूजा करने के बाद हवन आदि करें। प्रसाद में हलवा-पूरी, खीर, उबले हुए चने और पुए आदि का भोग लगाएं। पूजन के दौरान 101 परिक्रमा करना चाहिए। इसके बाद इस प्रसाद को खु्द ग्रहण करें व अपने पूरे परिवार और सगे संबंधियों को खिलाएं।
घर में है मंदिर
पूरी होती हर मनोकामना:
प्रत्येक माह पडऩे वाली मासिक दुर्गाष्टमी की पूजा और व्रत को लेकर मान्यता है कि यह सच्चे मन से करना चाहिए। इस दिन व्रत-पूजन करने से साधक के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। उसको हर सुख, समृद्धि और सम्पन्नता की प्राप्ति होती है। इस दिन साधक को झूठ और किसी की चुगली नहीं करनी चाहिए। इससे माता रानी जल्दी खुश होती हैं। वह अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाती हैं।