पश्चिम बंगाल। पश्चिम बंगाल सरकार जाली नोटों पर लगाम लगाने में पूरी तरह फेल हो चुकी है। हालात यहां तक हो चुके हैं कि पश्चिम बंगाल का मालदा जिला नकली नोटों का केंद्र बनकर उभरा है। याद रहे कि ये वही मालदा जिला है जहां पर कुछ समय पहले हिन्दु-मुस्लिम दंगे कराए गए थे। इन दंगों में भारी संख्या में हिन्दुओं को हानि पहुंचाई गई थी। और अब खबर आ रही है कि मालदा में भारी मात्रा में नकली नोटों का कारोबार किया जा रहा है।
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पाकिस्तान और बांग्लादेश में छप रहे 2000 के नकली नोट भारत में मालदा के रास्ते पहुंच रहे है। यहां से देश के विभिन्न हिस्सों में नकली नोटों को भेजने का धंधा चल रहा है। खास बात यह है कि आम लोग 2000 के नकली नोट को आसानी से पहचान भी नहीं पाएंगे क्योंकि असली 2000 के नोट के 17 में से 10 सिक्योरिटी फीचर हूबहू हैं।
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बता दें कि 8 फरवरी को मुर्शिदाबाद जिले से पुलिस ने अजीजुर रहमान (40) नाम के तस्कर को गिरफ्तार किया था, जिसके पास से 2000 रुपये के 40 नकली नोट मिले थे। इसके बाद बीएसएफ और एनआईए को पहली कामबायी 15 फरवरी को मिली। सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने पश्चिम बंगाल के मालदा जिले से दो लाख मूल्य के 2000 रुपये के नकली नोट जब्त किए। बीएसएफ अधिकारियों को नकली नोटों के तस्कर उमर फारूक से जानकारी मिली थी कि सीमा पर बांग्लादेश की तरफ से नकली नोट लाए जा रहे हैं। उमर को मालदा जिले से एक दिन पहले गिरफ्तार किया गया था।
जब्त किए गए नकली नोटों की जांच कराने पर पता चला कि असली 2000 के नोट के 17 में से करीब 10 सिक्योरिटी फीचर नकल किए गए हैं। आगे की तरफ ट्रांसपेरेंट एरिया, वाटरमार्क, अशोक स्तंभ, बाईं तरफ लिखा शब्द Rs 2000, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ लिखा वचन और देवनागरी में लिखी नोट की कीमत दी गई है। वहीं पीछे की तरफ चंद्रयान, स्वच्छ भारत लोगो और नोट को प्रिंट करने का साल दिया गया है। हालांकि बरामद किए गए नोटों की पेपर और प्रिंट की गुणवता उतनी अच्छी नहीं थी।