हरियाणा की एक अदालत ने शनिवार को मानेसर स्थित मारुति के प्लांट में 2012 में हुई हिंसा और उपद्रव मामले में मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के 13 पूर्व कर्मचारियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है. अदालत ने चार अन्य आरोपियों को पांच वर्ष कारावास की सजा सुनाई.
साथ ही अदालत ने कहा कि मामले में आरोपी अन्य 14 व्यक्तियों ने अब तक जितना समय जेल में बिताया है, उनके लिए वह सजा पर्याप्त है.
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.पी. गोयल ने 10 मार्च को 31 पूर्व कर्मचारियों को हत्या और हत्या के प्रयास सहित कई अन्य अपराधों में दोषी करार दिया था.
मारुति प्लांट हिंसा मामले में 31 पूर्व कर्मचारी दोषी, 117 बरी
मारुति सुजुकी के मानेसर स्थित कारखाने में 18 जुलाई, 2012 को हुई हिंसा में कंपनी के मानव संसाधन विभाग के महाप्रबंधक अश्विन कुमार देव की जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी, जबकि 50 अन्य व्यक्ति घायल हुए थे. कई पुलिस कर्मियों को भी चोटें आई थीं.
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अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों ने शुक्रवार को सजा की अवधि को लेकर बहस की थी. अभियोजन पक्ष के वकील ने हत्या एवं हत्या की कोशिश के दोषी पाए गए 13 कर्मचारियों के लिए मौत की सजा की मांग की थी. वहीं बचाव पक्ष के वकील का तर्क था कि कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी की मौत दुर्घटनावश हुई थी, न कि साजिशन, इसलिए दोषियों को मौत की सजा देना न्यायोचित नहीं होगा.
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने सजा सुनाने के लिए शनिवार का दिन निर्धारित किया था.
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