
आयोग के आंकड़ों को देखें तो मानवाधिकार उल्लंघन के कुल 22,655 शिकायतें एक अप्रैल-2017 से लेकर 30 नवंबर-2017 तक आई हैं। इनमें पुलिस महकमा सबसे ऊपर है। कुल 12,771 शिकायतें उसके खिलाफ आई हैं।
इनमें एनकाउंटर के नाम पर हत्या, पुलिस कस्टडी में मौत, बिना एफआईआर थाने में बैठाने, पूछताछ के नाम पर हिरासत में लेने, जांच के नाम पर उत्पीड़न शामिल है। दूसरे नंबर पर शिकायतों में जमीन और रेवेन्यू रिकॉर्ड से जुड़े मामले हैं।
वहीं, महिला उत्पीड़न के मामले तीसरे नंबर पर हैं। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि बेहतर पर्यावरण मिलना भी लोगों का मानवाधिकार है। यही वजह है कि एक अप्रैल-2017 से अब तक 23 मामलों में आयोग ने सुनवाई की है। इनमें से पांच मामले निस्तारित भी किए जा चुके हैं।
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