शारदीय नवरात्र की चतुर्थी तिथि पर देवी के कूष्मांडा स्वरूप का दर्शन-पूजन करने का विधान है। शास्त्रत्तें के अनुसार अपनी मंद मुस्कान से पिंड से ब्रह्मांड तक का सृजन देवी ने इसी स्वरूप में किया था। कूष्मांडा स्वरूप के दर्शन पूजन से न सिर्फ रोग-शोक दूर होता है अपितु यश, बल और धन में भी वृद्धि होती है। काशी में देवी के प्रकट होने की कथा राजा सुबाहु से जुड़ी है। देवी कुष्मांडा का मंदिर दुर्गाकुंड क्षेत्र में स्थित है। इन्हें दुर्गाकुंड वाली दुर्गा के नाम से भी जाना जाता है।

किस रंग के कपड़े पहनें-
जातक पूजा के समय लाल, गुलाबी व पीत रंग के वस्त्र धारण करें।
किन राशियों के लिए शुभ-
नवरात्रि का चौथा दिन सभी 12 राशियों के लिए शुभ। विशेषकर मकर और कुंभ राशि के लिए उत्तम।
आज का शुभ रंग : स्वर्ण आभा रंग-
देवी स्कन्दमाता को लाल व स्वर्ण आभा वाला रंग प्रिय है।
कौन सी मनोकामनाएं होती हैं पूरी-
मां कूष्मांडा अपने भक्तों के कष्ट और रोग का नाश करती है। मां कूष्मांडा की पूजा उपासना करने से भक्तों को सभी सिद्धियां मिलती हैं। मान्यता है कि मां की पूजा करने से व्यक्ति के आयु और यश में बढ़ोतरी होती है।
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