शिवसेना में विभाजन के बाद वनगा ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था। उन्हें पार्टी द्वारा फिर से नामांकित किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन शिवसेना ने पूर्व सांसद राजेंद्र गावित को इस सीट से टिकट दिया गया है। राजेंद्र गावित ने भी शिवसेना में विभाजन के दौरान शिंदे गुट का समर्थन किया था।
महाराष्ट्र में अगले महीने विधानसभा चुनाव होने वाला है। इस चुनाव के लिए पालघर से शिवसेना के मौजूदा विधायक श्रीनिवास वनगा को टिकट नहीं दिया गया। चुनाव टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने नाराजगी जताई थी। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए टिकट न मिलने के कारण वह अब लापता हो गए हैं। उनके परिवार के सदस्यों ने इसकी जानकारी दी। हालांकि, परिवारवालों ने अभी तक पुलिस में कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। पालघर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अभी तक वनगा को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है।
परिजनों ने जताई चिंता
शिवसेना के मौजूदा विधायक श्रीनिवास वनगा सोमवार शाम से ही अपने परिवार के संपर्क में नहीं हैं। परिजनों ने उनकी तलाश की, लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला। उन्होंने वनगा की मानसिक स्थिति पर चिंता भी जताई। शिवसेना द्वारा टिकट न दिए जाने पर वनगा ने पत्रकारों से कहा था कि उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का साथ देकर और उनकी पार्टी में शामिल होकर भारी गलती की है। उनके इस वीडियो को सोशल मीडिया के साथ समाचार चैनलों में भी प्रसारित किया गया।
शिवसेना में विभाजन के बाद वनगा ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया था। उन्हें पार्टी द्वारा फिर से नामांकित किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन शिवसेना ने पूर्व सांसद राजेंद्र गावित को इस सीट से टिकट दिया गया है। राजेंद्र गावित ने भी शिवसेना में विभाजन के दौरान शिंदे गुट का समर्थन किया था। वनगा के लापता होने से पहले उनके परिजनों ने बताया था कि उन्होंने बातचीत करना और खाना खाना भी बंद कर दिया। वह रो भी रहे थे और खुद को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दे रहे थे। बताया जा रहा है कि श्रीनिवास वनगा की स्थिति की जानकारी मिलन के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उनकी पत्नी से संपर्क किया था। सीएम शिंदे ने आश्वासन दिया था कि उनकी जानकारी पर उन्हें महाराष्ट्र विधान परिषद के सदस्य के रूप में भूमिका देने पर विचार किया जाएगा।
महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक चरण में होंगे चुनाव
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुनाव 20 नवंबर को एक ही चरण में होंगे, जबकि विधानसभा चुनाव के मतों की गिनती 23 नवंबर को होगी। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भाजपा और अजीत पवार की एनसीपी से मिलकर बनी महायुति सत्ता बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जबकि शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस की विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) इसे सत्ता से बेदखल करने के प्रयास में है।