सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि केंद्रीय कर्मियों को ग्रेच्युटी देने के लिए किसी कर्मचारी द्वारा स्वायत्त निकाय में की गई सेवा को भी गिना जाएगा। स्वायत्त निकाय (ऑटोनामस बाडी) ऐसी सरकारी संस्था या संगठन होते हैं जिसे अपने कामकाज में कुछ हद तक स्वायत्तता होती है।
केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लिखित उत्तर में कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग (डीओपीपीडब्ल्यू) ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए केंद्रीय सिविल सेवा (राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत ग्रेच्युटी का भुगतान) नियम, 2021 को अधिसूचित किया है। ये नियम स्वायत्त निकायों के कर्मचारियों पर स्वत: लागू नहीं होते, लेकिन किसी कर्मचारी की ओर से स्वायत्त निकाय में की गई सेवा को भी ग्रेच्युटी देने के मामले में उनके सेवा समय में जोड़ी जा सकेगी।
80 लाख जन शिकायतों का निपटारा
मंत्री ने कहा कि स्वायत्त निकायों की ओर से ग्रेच्युटी का भुगतान, ब्याज का भुगतान या सेवा अवधि की गणना आदि विशेष स्वायत्त निकाय की ओर से अपनाए जा रहे विशेष ग्रेच्युटी नियमों पर निर्भर करता है। अन्य प्रश्न के उत्तर में जितेंद्र सिंह ने कहा कि साल 2022 से जून 2025 के बीच 80,36,042 जन शिकायतों का निपटारा किया गया है।
अन्य प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने कहा कि सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 2016 से केंद्र सरकार में लगभग 4.8 लाख बैकलॉग रिक्तियों को भरा गया है। केंद्रीय सरकार के मंत्रालयों/विभागों को समय-समय पर सलाह दी गई है कि वे रिक्त पदों को समयबद्ध तरीके से भरें।
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