मध्य प्रदेश में विकास योजनाओं की निगरानी और तेजी से क्रियान्वयन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 8 अपर मुख्य सचिव और 2 प्रमुख सचिवों को अलग-अलग संभागों की जिम्मेदारी सौंपी है। अब ये अधिकारी अपने-अपने संभाग में जाकर विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे, बैठकों में शामिल होंगे और प्रगति की रिपोर्ट सीधे मुख्य सचिव को देंगे।
प्रदेश में चल रहे विकास कार्यों की प्रभावी समीक्षा और त्वरित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए मध्यप्रदेश शासन ने बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 8 अपर मुख्य सचिव (ACS) और 2 प्रमुख सचिवों (PS) को विभिन्न संभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में गुरुवार को आदेश जारी कर दिए गए। इन्हें अब संबंधित संभागों की सभी बैठकों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना होगा और विकास योजनाओं की सख्ती से निगरानी करनी होगी।
इन वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने संभाग में मुख्यमंत्री द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्य करें और योजनाओं की प्रगति पर नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके साथ ही, जिलों से संबंधित कोई विषय यदि राज्य स्तरीय समन्वय की मांग करता हो, तो वे संबंधित विभागों से मिलकर उसका समाधान निकालें और इसकी जानकारी मुख्य सचिव को दें। प्रदेश सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल योजनाओं की जमीनी निगरानी मजबूत होगी, बल्कि संबंधित अधिकारियों की प्रत्यक्ष भागीदारी से कार्यों की गुणवत्ता और गति में भी सुधार आएगा।
जिम्मेदारी पाने वाले अधिकारी और उनके संभाग
अधिकारी का नाम – पद – संभाग
डॉ. राजेश राजौरा – अपर मुख्य सचिव – उज्जैन
अशोक बर्णवाल – अपर मुख्य सचिव – ग्वालियर
मनु श्रीवास्तव – अपर मुख्य सचिव – चंबल
संजय दुबे – अपर मुख्य सचिव – जबलपुर
नीरज मंडलोई – अपर मुख्य सचिव – नर्मदापुरम
अनुपम राजन – अपर मुख्य सचिव – इंदौर
संजय कुमार शुक्ल – अपर मुख्य सचिव – भोपाल
रश्मि अरुण शमी – अपर मुख्य सचिव – रीवा
दीपाली रस्तोगी – प्रमुख सचिव – सागर