मध्य प्रदेश: केवल 2 सीटों पर उपचुनाव लेकिन तैनात किए गए 6 IAS और 6 IPS
मध्य प्रदेश: केवल 2 सीटों पर उपचुनाव लेकिन तैनात किए गए 6 IAS और 6 IPS

मध्य प्रदेश: केवल 2 सीटों पर उपचुनाव लेकिन तैनात किए गए 6 IAS और 6 IPS

भोपाल: मध्य प्रदेश में दो विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव के मतदान की स्थिति पर खास नजर रखने के लिए छह भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और छह भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों की तैनाती की गई है. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, शिवपुरी के कोलारस और अशोकनगर के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए राज्य के विभिन्न स्थानों पर कार्यरत छह आईएएस और छह आईपीएस अधिकारियों को भेजा गया है. ये सभी दोनों निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेंगे और स्थिति पर नजर रखेंगे. मध्य प्रदेश: केवल 2 सीटों पर उपचुनाव लेकिन तैनात किए गए 6 IAS और 6 IPS

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, तैनात किए गए ये 12 अधिकारी प्रेक्षक का सहयोग भी करेंगे. प्रत्येक दल में एक-एक आईएएस और आईपीएस अधिकारी होगा. इस तरह दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में छह दल सक्रिय रहेंगे. गौरतलब है कि मतदान से पहले ही दोनों स्थानों पर फर्जी मतदाताओं के मामले ने काफी तूल पकड़ा था, चुनाव आयोग की जांच में इस बात की पुष्टि भी हुई कि एक मतदाता के पांच-पांच स्थानों पर नाम है. इसके चलते अशोकनगर के जिलाधिकारी को हटाया गया. इसके साथ ही मतदाताओं को लुभाने के लिए नोट बांटने के भी आरोप लगे. कोलारस विधानसभा क्षेत्र के खतौरा गांव में पुलिस के साथ हुई झड़प में कांग्रेस उम्मीदवार के सिर पर चोट भी आई थी.

मध्य प्रदेश में दो विधानसभा सीटों कोलारस और मुंगावली के उपचुनाव को लेकर मतदान हो रहा है. मुंगावली में कांग्रेस विधायक महेन्द्र सिंह कालूखेड़ा के निधन होने से और कोलारस में कांग्रेस के विधायक रामसिंह यादव के निधन होने से चुनाव कराने पड़ रहे हैं. मुंगावली उपचुनाव में कुल 13 उम्मीदवार मैदान में हैं जबकि मुख्य मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार बृजेन्द्र सिंह यादव और बीजेपी उम्मीदवार श्रीमती बाई साहब यादव के बीच है.

कोलारस में कुल 22 उम्मीदवार इस चुनावी समर में है और मुख्य मुकाबला कांग्रेस के महेन्द्र सिंह यादव और बीजेपी के देवेन्द्र जैन के बीच है. कोलारस निर्वाचन क्षेत्र में दो लाख 44 हजार 457 मतदाता जबकि मुंगावली में एक लाख 91 हजार 9 मतदाता हैं. यह पहला मौका है जब उपचुनाव में इस तरह की स्थिति बनी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और क्षेत्रीय सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी पूरी ताकत झोंकी है. दोनों विधानसभा क्षेत्र सिंधिया के लोकसभा क्षेत्र में आते हैं. गौरतलब है कि 2013 के चुनाव में दोनों जगह कांग्रेस प्रत्याशी जीते थे. इसलिए उनकी प्रतिष्ठा दांव पर है.

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