दिल्ली पुलिस और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) की एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि एक महीने के अंदर यानी 15 अप्रैल से 15 मई के बीच तेज गाड़ियों की टक्कर से अपने घरों को लौट रहे मजदूरों को ठोकर मारने के 32 मामले हुए हैं जिसमें 28 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
यह आंकड़े सिर्फ दिल्ली से यूपी के बीच होने वाले हादसों के हैं, राष्ट्रीय स्तर पर यह संख्या और ज्यादा है।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के कंट्रोल रूम को ऐसी घटनाओं के 12 फोन मिले जबकि एनएचएआई की पेटोलिंग टीम को ऐसी 20 दुर्घटनाओं के फोन मिले।
एनएचएआई के एक अधिकारी ने बताया कि प्रवासी मजदूर जिनकी मौत अपने घर जाते वक्त दुर्घटना में हुई है उनकी संख्या अधिक हो सकती है।
यह तो सिर्फ वो आंकड़े हैं जो हमरी पेट्रोलिंग टीम के संज्ञान में आए हैं। उन्होंने कहा कि इन घर जाते मजदूरों पर तेज रफ्तार से आती गाड़ियों से टकराने का खतरा ज्यादा रहता है क्योंकि राजमार्गों पर बहुत कम रोशनी होती है।