वक्त जैसे जैसे बीत रहा है. देश-दुनिया में विज्ञान उतनी ही तेजी से प्रगति कर रहा है. कोई मंगल ग्रह पर पानी ढूढ़ रहा है तो कोई परमाणु से भी दमदार हथियार बनाने में लगा हुआ है.
फंगस का नाम है ‘कैंडिडा ऑरिस’
अंतरराष्ट्रीय अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फंगस का नाम कैडिडा ऑरिस है. यह इंसान की मौत के बाद खत्म नहीं होता है, बल्कि एक शरीर से दूसरे शरीर में तेजी से फैलता है और लोगों को अपनी चपेट में लेता है.
पहली बार बुजुर्ग में पाया गया था यह फंगस
रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कैंडिडा ऑरिस’ का पहला मरीज ब्रुकलिन में मिला था. रिपोर्ट के मुताबिक, माउंट सिनाई हॉस्पिटल फॉर ऐब्डॉमिनल सर्जरी के दौरान एक व्यक्ति के ब्लड टेस्ट से यह बात सामने आई थी कि वह एक फंगस से पीड़ित है. जब डॉक्टरों ने इसकी तह तक जाना चाहा तो पता चला कि यह कैंडिडा ऑरिस है और एक जानलेवा फंगस है और मौत के बाद भी इंसान के शरीर से खत्म नहीं होता है. बुजुर्ग के टेस्ट के बाद डॉक्टरों ने उसे इन्टेन्सिव केयर यूनिट में शिफ्ट किया था. इसके बाद उन्हें कई और ऐसे ही केस सामने आए.
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मेडिकेशन का नहीं होता है असर
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