विदेशी पर्यटकों के भारत आने की तादाद साल दर साल बढ़ती जा रही है।
खास बात यह है कि जिस तेजी से इन विदेशी पर्यटकों की तादाद बढ़ रही है, उससे कहीं ज्यादा रफ्तार से इनसे होने वाली हमारी कमाई बढ़ रही है। इसका मतलब यह है कि भारत आ रहे विदेशी पर्यटक पहले के मुकाबले खर्च भी ज्यादा कर रहे हैं।
साल 2016 के 11 महीनों में 79 लाख पर्यटक भारत आए। यह आकंड़ा साल 1999 के मुकाबले तीन गुना है। साल 1999 में भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या 25 लाख थी तो साल 2004 में बढ़कर 35 लाख, साल 2009 में 52 लाख और साल 2014 में 77 लाख है। पिछले साल के 11 महीनों में कुल 79 लाख विदेशी पर्यटक भारत आ चुके थे।
दिलचस्प बात यह है कि जितनी तेजी से पर्यटकों का आना बढ़ा, उनसे विदेशी मुद्रा की कमाई बढ़ने की रफ्तार उससे ज्यादा रही। आंकड़ों की बात करें तो इन विदेशी पर्यटकों से साल 1999 के मुकाबले साल 2016 के 11 महीनों में 11 गुना ज्यादा विदेशी मुद्रा की कमाई हुई है। साल 1999 में विदेशी पर्यटकों से 13,000 करोड़ रु. मूल्य की विदेशी मुद्राएं प्राप्त हुईं तो साल 2004 में 28,000 करोड़ रु., साल 2009 में 54,000 करोड़ रु., साल 2014 में 1,23,000 करोड़ रु. जबकि साल 2016 के 11 महीनों में 1,39,000 करोड़ रु. मूल्य की विदेशी मुद्राएं मिलीं।
पर्यटन से विदेशी मुद्रा की कमाई में तेज वृद्धि की बदौलत प्रति पर्यटक औसतन कमाई में बड़ी उछाल आई। साल 1999 में एक पर्यटक से औसतन 52,000 रु. की कमाई होती थी जो बढ़कर 1.76 लाख रु. हो गई। आंकड़ों के मुताबिक, साल 1999 में प्रति विदेशी पर्यटक 52,222 रु. मूल्य की विदेशी मुद्रा, साल 2004 में 80,763 रु., साल 2009 में 1,03,868 रु., साल 2014 में 1,60,573 रु. जबकि साल 2016 में प्रत्येक विदेशी पर्यटक से औसतन 1,76,828 रु. मूल्य की विदेशी मुद्राएं प्राप्त हुई हैं।
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