पीने और सिंचाई के लिए पानी के अत्यधिक दोहन से भारत के कई हिस्सों में भूमिगत जल समाप्त हो सकता है। एक अध्ययन में चेतावनी दी गई है कि आने वाले दशक में भारत के साथ ही दक्षिणी यूरोप और अमेरिका में भी भूमिगत जल की यही स्थिति हो सकती है।
भूमिगत जलस्तर निर्धारण के दौरान पता चला कि भारत में गंगा के मैदानी इलाके, दक्षिणी स्पेन और इटली में 2040 और 260 के बीच भूमिगत जल समाप्त हो सकता है। अमेरिका में कैलीफोर्निया सेंट्रल वैली, टुलारे बेसिन और दक्षिणी सैन जोआक्विन वैली में 2030 के दशक के भीतर ही भूमिगत जल समाप्त हो जाएगा।
पानी को थामने वाले जलीय चट्टान की परत से टेक्सास के हिस्सों, ओकलाहोमा और न्यू मेक्सिको में भूमिगत जल की आपूर्ति होती है। इन हिस्सों में 2050 और 2070 के बीच भूमिगत जल अपनी सीमा में पहुंच सकता है।
अत्यधिक दोहन के कारण जिन इलाकों में भूमिगत जल का स्तर या तो पूरी तरह समाप्त हो जाएगा या समाप्त होने के कगार पर होगा उस इलाके की आबादी 2050 तक करीब 1.8 अरब हो सकती है।
भूमिगत जल पर यह आकलन अमेरिका के कोलोरैडो स्कूल ऑफ माइन्स के जलविज्ञानी इन्गे डे ग्राफ ने दिया है।