ऑर्थर रोड जेल में ही पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब को फांसी की सजा मिलने से पहले करीब चार साल तक रखा गया था। केसवानी की तरह ही करीब छह महीने पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी रहस्योद्घाटन करते हुए कहा था कि दाऊद भारत लौटना चाहता है और मोदी सरकार के साथ समझौता करना चाहता है। ठाकरे ने दावा किया था कि दाऊद बहुत बीमार है और आखिरी सांस भारत में ही लेना चाहता है।
उधर, निकम ने इस दावे को बकवास बताते हुए एजेंसियों से वकील के बयान की जांच कराने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि यह दाऊद का पुराना स्टाइल है लेकिन भिखारियों के पास कोई विकल्प नहीं होता। उसके वकील को किसने बताया और अगर वह दाऊद के संपर्क में है तो एजेंसियों को इसकी जांच करनी चाहिए।