नई दिल्ली. राजस्थान में लोकसभा की दो सीटों और विधानसभा की एक सीट के उपचुनावों में भाजपा की हार के बाद सीएम वसुंधरा राजे को पद से हटाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है. पार्टी के कोटा ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अशोक चौधरी ने बीते 2 फरवरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को चिट्ठी लिखकर प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पद से हटाने की मांग की थी. चौधरी ने आज एक बार फिर अपनी मांग दोहराई है. उन्होंने कहा है कि वे अभी तक अपने पत्र के जवाब की प्रतीक्षा कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को यदि इस साल होने वाले राजस्थान विधानसभा के चुनाव में जीत हासिल करनी है तो जल्द से जल्द वसुंधरा राजे को पद से हटाना होगा.
जयपुर इकाई से न्याय की उम्मीद नहीं
अशोक चौधरी ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा है कि उन्हें पार्टी के प्रदेश स्तर के नेताओं और जयपुर में बैठे नेताओं से न्याय की उम्मीद नहीं है. लेकिन उन्हें भरोसा है कि दिल्ली में बैठे पार्टी के आला नेता उनकी बात सुनेंगे और उचित फैसला लेंगे. उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की कार्यशैली से न सिर्फ जनता, बल्कि पार्टी कार्यकर्ता भी नाखुश हैं. चौधरी ने वसुंधरा राजे का नाम लिए बिना कहा, ‘पार्टी के कार्यकर्ता नौकर या दास नहीं हैं. वे पार्टी के स्तंभ हैं जिन्होंने आज भाजपा को इस ऊंचाई तक पहुंचाया है. अब समय आ गया है कि राज्य में पार्टी को दासता और बॉस बनने की संस्कृति से निजात दिलाया जाए.’
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर भी वार
कोटा ओबीसी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अशोर परनामी पर भी हमले किए हैं. उन्होंने अपने पत्र में भी परनामी को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का पिछलग्गू बताया था. उन्होंने कहा कि पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की कार्यशैली से कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. उन्होंने पार्टी की वर्तमान परिस्थिति पर टिप्पणी करते हुए बताया कि कार्यकर्ता विधायक के पास जाते हैं, विधायक सांसद के पास जाते हैं, लेकिन दोनों मिलकर भी समस्या के समाधान तक नहीं पहुंच पाते हैं. यह स्थिति चिंताजनक है. इससे पार्टी को आने वाले चुनाव में नुकसान उठाना पड़ेगा.