राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि सरकार व न्यायालय से अयोध्या में जब भी मंदिर निर्माण के लिए जमीन मिल जाएगी उसके अगले दो साल में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
भीलवाड़ा।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा कि सरकार व न्यायालय से अयोध्या में जब भी मंदिर निर्माण के लिए जमीन मिल जाएगी उसके अगले दो साल में भव्य राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
भागवत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कामकाज की सराहना की। संघ की राजस्थान प्रांत की चार दिवसीय बैठक के दूसरे दिन शुक्रवार शाम प्रार्थना सभा के बाद भागवत ने व्यवस्था में लगे प्रबन्धकों से चर्चा की। इस दौरान कई प्रबंधकों ने उनसे सवाल पूछे, जिसका भागवत ने सरलता से जवाब दिया।
सूत्रों के अनुसार भागवत ने राजस्थान में संचालित विभिन्न प्रकल्पों एवं परियोजनाओं के बारे में चर्चा के बाद शाम को अग्रवाल उत्सव भवन में स्वयंसेवक व पदाधिकारियों की व्यवस्था में लगे प्रबन्धकों से मिलने की इच्छा जताई थी।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक से स्वयंसेवकों ने पूछे सवाल
सवाल: मैं स्वंयसेवक हूं। आप भी स्वंयसेवक हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी स्वंयसेवक हैं। फिर आप मोदी को किस नजरिए से और उनके काम को किस रूप में देखते हैं।
भागवत: आप, मैं व मोदी एक ही हैं। जिस नजर से आप को देखता हूं, उसी नजर से मोदी को भी देखता हूं। मोदी वर्तमान परिस्थिति में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। देश में अच्छा काम हो रहा है।
सवाल: हर साल कार्यकर्ता को आश्वासन मिलता है कि राम मंदिर का निर्माण होगा, लेकिन यह कब होगा?
भागवत: जब सरकार व न्याय पालिका से मंदिर निर्माण के लिए जमीन का आंबटन हो जाएगा। उसके दो साल के अन्दर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाएगा।
सवाल: हर बार यहीं सुनने को मिलता है कि अखण्ड भारत का निर्माण होगा। यह सपना कब पूरा होगा।
भागवत: अखण्ड भारत प्राचीन समय में देश के अविभाजित रूप को कहा जाता है। इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, बर्मा एवं थाईलैण्ड आदि शामिल थे। यह सभी आज अलग होने के बाद दु:खी है। हिमालय नहीं है तो अखण्ड नहीं है।
सवाल: हर व्यक्ति व देश की पार्टियां सोशल मीडिया से जुड़ी है। सोशल मीडिया पर उनके बारे में प्रचार भी हो रहा है। आज के युग में आवश्यक होने के बाद भी संघ सोशल मीडिया से क्यों नहीं जुड़ रहा है।
भावगत: संघ का किसी चीज पर जोर नहीं है। संघ का केसरिया ध्वज व शाखा पर जोर है। स्वंयसेवक हो तभी मैं आप से मिल पा रहा हूं। संघ पर जोर रहेगा तो मैंं मिलता रहूंगा।