मध्यप्रदेश में एक बेहद अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां दो परिवार ऐसे मिले जिन्होंने अपनी बेटियों के नाम ‘अनचाही’ रखे हैं। इनमें एक लड़की बीएससी में पढ़ रही है तो दूसरी अभी छठी कक्षा में है। इन दोनों लड़कियों का नाम जन्म प्रमाणपत्र से लेकर स्कूल व आधार कार्ड में भी अनचाही लिखा गया है।
यहां मंदसौर जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर बिल्लौद गांव की यह घटना चर्चा में आ गई है। दरअसल, इनमें से एक लड़की चाहती है कि उसका नाम बदला जाए। ताज्जुब इस बात पर होता है कि यहां बालिका जन्म के प्रति सकारात्मक सोच के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चालू की गई लाडली लक्ष्मी योजना और देश में लड़कियों को लेकर इतना प्रचार-प्रसार होने के बावजूद ऐसे मामले सामने आए हैं।
इन दो अनचाही नाम की लड़कियों में से एक मंदसौर कॉलेज में पढ़ रही है। एक रिपोर्ट की माने तो मन्नत मांगने पर इन परिवारों की बेटे की चाह पूरी नहीं हुई तो उन्होंने अपनी आखिरी बेटियों का नाम ही ‘अनचाही’ रख दिया है। इन दोनों लड़कियों का नाम जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल व आधार कार्ड में भी अनचाही लिखा गया है।
बीएससी में पढ़ने वाली यह लड़की अपने मां-बाप की पांचवीं संतान हैं। इसके परिवारवालों ने बेटे की चाह पूरी नहीं होने पर ही उसका नाम अनचाही रखा, ताकि अगला लड़का पैदा हो। लेकिन इसके बाद भी एक और बेटी हुई। वह करीब डेढ़ वर्ष में मर गई। इसके बाद अनचाही के माता-पिता ने परिवार नियोजन करवा लिया।
वहीं इसी गांव में एक और परिवार है जिसके यहां बेटे की मन्नत मांगने के बाद भी तीन लड़कियां हो गई, तो उन्होंने भी बेटे की चाह पूरी न होने पर अपनी आखिरी बेटी का नाम अनचाही रख दिया। पिता का कहना है कि उसने अपनी तीसरी व आखिरी बेटी का नाम अनचाही रखा है। वह छठी कक्षा में है।
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