तीन तलाक के खिलाफ बिल लोकसभा में पास हो चुका है, अब बारी राज्यसभा की है. केंद्र सरकार कल यानी बुधवार को ये बिल राज्यसभा में पेश करेगी. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद सदन में बिल पेश करेंगे. इससे पहले आज विपक्ष ने मीटिंग बुलाई है. राज्यसभा में बिल पर कांग्रेस क्या रुख अपनाती है, इस पर सबकी नजर है.
बता दें कि पिछले सप्ताह ही लोकसभा में बिल पास हुआ है, हालांकि विपक्ष ने बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजने की मांग की थी. बीजेपी ने इस मुद्दे पर बुधवार को संसदीय दल की बैठक भी बुलाई है.
सभी पार्टियों से जारी है बातचीत
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने मंगलवार को तीन तलाक बिल के बारे में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है तीन तलाक गैरकानूनी है. लोकसभा में इस बिल को पास कर चुके हैं, मैं उम्मीद करता हूं कि राज्यसभा में भी बिल जल्द पास होगा. कांग्रेस सहित सभी पार्टियों बातचीत जारी है. इस बिल को लेकर अगर कांग्रेस लोकसभा में सब कोई अमेंडमेंट प्रेस नहीं किया, वही रवैया राज्यसभा में भी अपनाना चाहिए.
राज्यसभा में बिल होने के चलते भारतीय जनता पार्टी ने अपने सभी सांसदों को व्हिप भी जारी किया हुआ है. इसी बीच इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने कहा है कि अगर बिल राज्यसभा से भी पास होता है तो वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. लोकसभा में बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष की ओर से कई तरह के सवाल और आपत्ति उठाए गए थे.
विपक्ष का सवाल: जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक बिल को गैरकानूनी घोषित किया गया, तो कानून लाने की क्या जरूरत थी?
सरकार का जवाब: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बहस में बताया कि 2017 में तीन सौ ट्रिपल तलाक हुए, जिसमें 100 सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद हुए हैं. गुरुवार सुबह ही रामपुर में एक महिला को इसलिए तलाक दिया गया, क्योंकि वो देरी से उठी थी.
विपक्ष का सवाल: तलाक के बाद अगर पति जेल चला जाएगा, तो पत्नी को पैसा कहां से मिलेगा?
सरकार का जवाब: गैरजमानती सजा होने की वजह से थाने से बेल नहीं मिल सकती है, लेकिन मजिस्ट्रेट के पास से बेल मिल सकती है. मजिस्ट्रेट के पास CRPC Sec 125 के तहत ये अधिकार है. लेकिन पति की आय के अधिकार पर ही पत्नी को मिलने वाला मुआवजा तय होगा.
विपक्ष का सवाल: कानून के कारण लोगों के परिवार टूटेंगे?
सरकार का जवाब: देश में दहेज और महिलाओं के खिलाफ प्रताड़ना करने पर भी सज़ा का प्रावधान है. लेकिन इसमें कोई ये तथ्य नहीं है कि इससे परिवार टूटेगा.
राज्यसभा में किसके पास कितनी ताकत
245 सदस्यीय राज्यसभा में निर्दलीय और मनोनीत सदस्यों को छोड़कर 28 राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनके सदस्य हैं. मौजूदा समय में राज्यसभा में बीजेपी के पास 57 सदस्य, कांग्रेस के पास 57, टीएमसी के 12, बीजेडी के 8, बीएसपी के 5, सपा के 18, AIADMK के 13, सीपीएम के 7, सीपीआई के 1, डीएमके के 4, एनसीपी के 5, पीडीपी के 2, इनोलो के 1, शिवसेना के 3, तेलुगुदेशम पार्टी के 6, टीआरएस के 3, वाईएसआर के 1, अकाली दल के 3, आरजेडी के 3, आरपीआई के 1, जनता दल(एस) के 1, मुस्लिम लीग के 1, केरला कांग्रेस के 1, नागा पीपुल्स फ्रंट के 1, बीपीएफ के 1 और एसडीएफ के 1 सदस्य हैं. इसके अलावा 8 मनोनीत और 6 निर्दलीय सदस्य हैं.