दिल्ली के फरार बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित के इंदौर में परदेशीपुरा क्षेत्र स्थित आश्रम से पुलिस को मिले साहित्य और दोनों लड़कियों के हाथ से लिखी कॉपियों में कई द्विअर्थी शब्द मिले हैं. आश्रम में बच्चियां बंधक समान थीं. उन्हें बाहरी दुनिया से दूर रखने के लिए टीवी देखने नहीं दिया जाता था. यहां तक की रेडियो और मोबाइल से भी दूर रखा जाता था.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, 12 से 13 साल की उम्र में लड़कियों को यहां लाकर उन्हें बाहरी दुनिया से अलग कर दिया जाता था. डीआईजी हरिनारायणाचारी मिश्र ने बताया कि आश्रम से मिले साहित्य और बच्चियों की कॉपी के आधार पर जानकारों से राय लेने के बाद वैधानिक कार्रवाई करेगी. बच्चियों ने बताया कि उन्हें किसी से मिलने-जुलने की अनुमति नहीं थी.
सीएसपी आरती सिंह के मुताबिक, बच्चियों ने बताया कि वे 12 से 13 साल की उम्र में ही बाबा से जुड़ गई थीं. उन्हें आश्रम में टीवी तो दिखाते थे, लेकिन उसमें सिर्फ बाबा के ही प्रवचन और सत्संग होते थे. उन्हें न्यूज या फिल्मी गाने सुनने-देखने की अनुमति नहीं थी. बताया जा रहा है कि दिल्ली आश्रम में 12 से 13 साल की सैकड़ों बच्चियां रहा करती थीं.
बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित इन्हें किसी भी आश्रम में स्थायी नहीं रहने देता था. जितनी भी जगह आश्रम हैं, वहां रोटेशन में साल-डेढ़ साल में बच्चियां इधर से उधर करवा दी जाती हैं. इंदौर के आश्रम में मिली बच्चियां भी दिल्ली के आश्रम में रहने के अलावा माउंट आबू और यूपी में कंपेल के आश्रमों में रह चुकी हैं. बाबा की करतूतों से पर्दा लगातार उठता जा रहा है.
रोहिणी के विजय विहार इलाके में आध्यात्मिक विश्वविद्यालय के नाम से आश्रम चलाने वाला वीरेंद्र देव दीक्षित खुद को कृष्ण बताता था. वह हमेशा महिला शिष्यों के बीच ही रहना पसंद करता था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसने 16000 महिलाओं के साथ संबंध बनाने का लक्ष्य रखा था. वह गोपियां बनाने के लिए लड़कियों को संबंध बनाने के लिए आकर्षित करता था.
हाईकोर्ट के निर्देश पर आश्रम की जांच करने पहुंची महिला आयोग और पुलिस की टीम को कुछ वीडियो मिले, जिससे बाबा की काली करतूतों का खुलासा हुआ. पुलिस ने आश्रम से कई लड़कियों को सुरक्षित निकालते हुए दो लोगों को हिरासत में ले लिया. आश्रम पर महिलाओं को बंधक बना यौन शोषण के आरोप के बाद एक एनजीओ ने कोर्ट में गुहार लगाई थी.
कोर्ट ने इसे गंभीर बताते हुए महिला आयोग से जांच का आदेश दिया था. कार्रवाई के बाद टीम ने बुधवार को हाईकोर्ट को रिपोर्ट सौंपी. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर ने कहा था कि यह मामला राम रहीम जैसा हो सकता है. सीबीआई जांच होनी चाहिए. कोर्ट ने सीबीआई को आश्रम में छापा मारने के निर्देश दिए थे.