कारोबारियों के लिए राहत की खबर है। अब पुरानी पैकेजिंग वाले माल को कारोबारी 31 मार्च 2018 तक बेच सकेंगे। पहली जुलाई को देश में जीएसटी लागू होने के बाद सरकार ने पुराने स्टॉक पर नई कीमत का स्टिकर लगाकर बेचने की इजाजत दी थी। पहले इसके लिए सितंबर तक की मोहलत दी गई जिसे बाद में बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया गया था।
लेकिन नवंबर में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में करीब दो सौ उत्पादों पर जीएसटी की दर घटा दी गई थी। इससे उद्योगों और कारोबारियों के पास बड़ी मात्रा में पुरानी कीमत का स्टाक बचा हुआ था। कारोबारियों ने इस संबंध में सरकार से गुहार भी लगायी थी। कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान को पत्र लिखकर इस स्टॉक पर संशोधित स्टिकर लगाकर उत्पाद बेचने की अनुमति देने का आग्रह किया था।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने पैकेज्ड कमोडिटीज अधिनियम के नियमों के तहत कारोबारियों को पुरानी पैकेजिंग पर संशोधित कीमत का स्टिकर लगाकर उत्पाद बेचने की समय सीमा को इस वित्त वर्ष के अंत तक के लिए बढ़ा दिया है। इस आशय की अधिसूचना में कहा गया है कि 31 मार्च पैकेजिंग मटिरियल रहने तक इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है।
सूत्रों का मानना है कि नवंबर में जीएसटी की दरों में संशोधन के बाद देश भर के कारोबारियों के पास करीब छह लाख करोड़ रुपये की कीमत का स्टॉक जमा हो गया था। काउंसिल की बैठक में करीब 178 उत्पादों को जीएसटी की 28 फीसद की दर से हटाकर 18 फीसद के दायरे में लाया गया था। पैकेज्ड कमोडिटी अधिनियम के मुताबिक बाजार में बेचे जाने वाले किसी भी उत्पाद पर अधिकतम खुदरा मूल्य लिखा होना अनिवार्य है।
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