भारत की टॉप खुफिया एजेंसियां और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल बीते तीन दिनों से कानपुर में हुए रेल हादसे का राजधानी दिल्ली से लिंक तलाश रहे हैं।
नवंबर 2016 में हुए हादसे में 150 लोग मारे गए थे। इसके कुछ दिन बाद कानपुर के ही नजदीक एक और हादसा हुआ, जिसमें भी काफी लोग मारे गए।
साउथ दिल्ली के लोधी कॉलोनी स्थित स्पेशल सेल के मुख्यालय पर तीन शख्स जिया-उल-हक, शोएब और जुबेर से पूछताछ की जा रही है। इनसे कानपुर ट्रेन हादसे के बारे में जानकारियां निकालने की कोशिश की जा रही है। शक है कि इस हादसे को अंजाम दिलवाने के लिए पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई ने साजिश रची। ये तीनों जामा मस्जिद इलाके से पकड़े गए और ट्रैवल एजेंसियों में काम करते थे।
पुलिस को शक है कि इनमें से दो लोग रेलवे ट्रैक को उड़ाने और बड़े पैमाने पर लोगों की जान लेने की साजिश में शामिल थे। आरोपियों के हैंडलर के तौर पर दो लोगों की पहचान हुई है। इनमें से एक का नाम शमशुल हुदा है, जो दुबई में रहता है। दूसरे का नाम बृजकिशोर गिरी है जो नेपाल का गैंगस्टर है। हुदा नकली करंसी और वीजा का धंधा करता है और उसके अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी और पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई से रिश्ते हैं। वहीं, दिल्ली में हिरासत में लिया गया हक हुदा का भतीजा है और एजेंट के तौर पर काम करता है।
बिहार के मोतिहारी में तीन आरोपी उमाशंकर पटेल, मोतीलाल पासवान और मुकेश यादव ने पकड़े जाने के बाद जो जानकारियां दीं, उन्हीं पर कार्रवाई करने के बाद खुफिया एजेंसियां जांच में आगे बढ़ रही हैं। उमाशंकर, मोतीलाल और मुकेश को दीपक और उसके चाचा अनिल राम की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
दीपक और अनिल राम ने बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में रेलवे ट्रैक पर कुकर बम रखा था। हालांकि, वे अपने मंसूबों को अंजाम देने में नाकाम रहे क्योंकि बम को गांववालों ने देख लिया और बाद में उसे डिफ्यूज भी कर दिया गया। हालांकि, इस घटनाक्रम की वजह से इनके हैंडलर्स को लगा कि दोनों ने गद्दारी की है। नेपाल के बृजकिशोर गिरी ने उमाशंकर, मोतीलाल और मुकेश को इन दोनों को मारने के लिए भेजा।