रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में पकड़े गए छात्र का एक साल से मानसिक इलाज चल रहा है. वह बहुत ही बदमाश और उद्दंड किस्म का छात्र है. उसके सहपाठियों का आरोप है कि वह हमेशा मारपीट पर उतारू रहता था. स्कूल बैग में चाकू लाता था. इतना ही नहीं स्कूल में पोर्न फिल्म भी देखता था.नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर उसके सहपाठियों ने बताया कि आरोपी नाबालिग उद्दंड है. स्कूल में भी अशिष्ट व्यवहार करता था. वह अपनी उम्र के सामान्य लड़कों से अधिक भारी है. इतना ही नहीं वह छोटी-छोटी बातों पर दूसरे छात्रों पर हाथ उठाने को तैयार रहता था. वह पढ़ाई और खेल में भी ठीक नहीं था.
सीबीआई सूत्रों का कहना है कि आरोपी छात्र ने स्कूल बंद कराने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया है. वह पढ़ाई में कमजोर में था, इसलिए स्कूल में होने वाली परीक्षा और पैरेंट्स-टीचर मीटिंग को टालना चाहता था. उसने अपने दोस्तों से भी कहा था कि वे परीक्षा की तैयारी न करें, क्योंकि स्कूल में छुट्टी होने वाली है.
सीबीआई का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज में आरोपी चाकू ले जाते दिखाई दिया है. उसने टॉयलेट में जाकर मोबाइल पर पोर्न फिल्म देखी. उसी समय उसकी नजर प्रद्युम्न ठाकुर पर पड़ी. उसने चाकू निकाला और प्रद्युम्न का गला काटकर उसकी हत्या कर दी. इस दौरान प्रद्युम्न का यौन शोषण नहीं हुआ था.
सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल के मुताबिक, बस कंडक्टर अशोक कुमार के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है. गुरुग्राम पुलिस ने पूरे देश को झाकझोर देने वाली इस नृशंस घटना में केवल कंडक्टर को आरोपी बनाया था. इस हत्याकांड में इस्तेमाल हुआ हथियार, एक चाकू, उस शौचालय के कमोड में मिला, जहां हत्या हुई थी.
उनका कहना है कि यह वही चाकू है, जो गुरुग्राम पुलिस ने बरामद किया था. आरोपी नाबालिग छात्र को मंगलवार देर रात किशोर न्याय कानून जेजे अधिनियम के प्रावधानों के तहत पकड़ा गया. आरोपी के अभिभावकों को पूरी तरह से सूचित रखा गया. जेजे अधिनियम के तहत सभी प्रावधानों का पालन किया गया है.
बताते चलें कि प्रद्युम्न मर्डर केस में नया मोड़ तब आ गया, जब इस मामले की जांच कर रही सीबीआई ने स्कूल के ही 11वीं के एक छात्र (16) को हिरासत में लिया. आरोपी छात्र को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश किया गया. बोर्ड ने आरोपी छात्र को तीन दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया है.
बोर्ड ने कहा है कि सीबीआई अफसर सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक ही आरोपी छात्र से पूछताछ कर सकेंगे. इसके बाद आरोपी छात्र को ऑब्जर्वेशन में भेज दिया जाएगा. सीबीआई की मांग है कि आरोपी को बालिग मानते हुए इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा दी जाए, लेकिन इसे कोर्ट को तय करना है.