अपनी मृत मां की वसीयत से धोखाधड़ी करने वाले एक भारतीय मूल के शख्स को ब्रिटेन की एक अदालत ने कसम खाने के बाद झूठ बोलने के लिए 12 महीने की सजा सुनाई गई है। पेशे से अकाउंटेंट इस शख्स को इस साल के शुरुआत में अपनी मां की वसीयत से धोखाधड़ी करने का दोषी पाया गया था।
लंदन के रहने वाले गिरीश दह्याभाई पटेलहाद ने एक सादे कागज पर अपनी बीमार मां से हस्ताक्षर करा लिए थे। इसके बाद उसने इसके साथ कुछ दस्तावेज लगाकर दावा किया कि मलेशिया में परिवार के 16 करोड़ के ताड़ तेल के वृक्षारोपण के व्यवसाय में से उसके नाम चार करोड़ का हिस्सा किया है।
65 वर्षीय शख्स के दावे को उसके भाई यशवंत ने अदालत में चुनौती दी और इसके बाद फोरेंसिक जांच में दस्तावेजों के जाली होने का खुलासा हो गया। वहीं अदालत ने 1986 में बनी पुरानी वसीयत को मान्यता दे दी जिसमें मृत मां ने सब कुछ 69 वर्षीय यशवंत के नाम कर दिया था। यशवंत पेशे से न्यूयॉर्क में डॉक्टर हैं।
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