दिल्ली मेट्रो के किराए में प्रस्तावित बढ़ोतरी का विरोध कर रही केजरीवाल सरकार का कहना है कि आमतौर पर वह मेट्रो के कामकाज में कभी दखल नहीं देती, लेकिन अगर 10 अक्तूबर से मेट्रो के किराए बढ़ाए गए तो वह चुप नहीं बैठेगी। सरकार का यह भी कहना है कि मेट्रो प्रबंधन लगातार किराया वृद्धि पर जोर दे रहा है, लेकिन अगर ऐसा हुआ तो यह अपने आप में उस कानून का ही उल्लंघन होगा जिसके तहत दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) का गठन किया गया। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने भी किराया वृद्धि का विरोध करते हुए दलील दी है कि कोलकाता मेट्रो का किराया, दिल्ली मेट्रो की तुलना में बहुत ही कम है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कार्यालय से सोमवार को जारी बयान में कहा गया है कि अगर किराया निर्धारण समिति की सिफारिशों को मानना मेट्रो प्रबंधन की विवशता है तो फिर उसी समिति की उस सिफारिश को मानना वह क्यों नहीं जरूरी समझती, जिसमें कहा गया है कि एक साल के अंतराल पर ही किराया बढ़ाया जाएगा। लिहाजा कानून के अनुसार 10 अक्टूबर से मेट्रो का किराया नहीं बढ़ाया जा सकता। बयान में यह भी कहा गया है कि अपने गठन से लेकर अब तक केजरीवाल सरकार ने मेट्रो के कामकाज में कभी दखल नहीं दिया, लेकिन यह भी सच है कि अगर किराया वृद्धि से मेट्रो के यात्रियों की जेब पर बोझ बढ़ेगा तो वह चुप भी नहीं बैठेगी। दिल्ली सरकार ने केंद्र से अपील की है कि जब तक केंद्र और दिल्ली सरकार संयुक्त रूप से किराया बढ़ाए जाने संबंधी मुद्दे की समीक्षा न कर ले, तब तक प्रस्तावित किराया वृद्धि को रोक दिया जाए।
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दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के नेता व पार्टी विधायक सौरभ भारद्वाज ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि दिल्ली मेट्रो में सफर करना, कोलकाता मेट्रो के मुकाबले महंगा है। कोलकाता मेट्रो का किराया बेहद कम है। जहां दिल्ली में पहले पांच किलोमीटर का किराया 10 रुपए है, वहीं कोलकाता में यह महज पांच रुपए है। दिल्ली में 32 किलोमीटर या उससे अधिक का सफर तय करने पर 50 रुपए देने पड़ते हैं जबकि कोलाकता मेट्रो में 25 किलोमीटर का किराया 25 रुपए है।
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