बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल ने फिल्म ‘क्लास ऑफ 83’ से जबरदस्त वापसी की है। लंबे वक्त से पर्दे से दूर रहे एक्टर की इस फिल्म को काफी सराहना मिल रही है। एक हफ्ते पहले ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लॉन्च के बाद से ही, यह फिल्म भारत में #1 स्थान पर ट्रेंड कर रही है। फिल्म का भारत में नंबर एक पर ट्रेंड करना बता रहा है कि फिल्म को काफी पसंद किया जा रहा है। रेड चिलीज एंटरटेनमेंट की फिल्म के रिव्यू भी फिल्म के पक्ष में ही हैं।
यह एक ड्रामा फिल्म है, जो हुसैन जैदी की पुस्तक ‘द क्लास ऑफ 83’ पर आधारित है और पुलिस अकादमी में डीन विजय सिंह (बॉबी देओल) के रूप में शिफ्ट किए गए एक पुलिसकर्मी की कहानी है। दरअसल, लोकप्रियता के आधार पर नेटफ्लिक्स ट्रेंड भी बताता है, जिसमें बॉबी देओल स्टारर फिल्म नंबर एक पर है। रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी फिल्म ‘क्लास ऑफ़ 83’ में 1980 के दशक से मुंबई पुलिस की कहानी दिखाई गई है, जब बॉम्बे में अपराध की संख्या बढ़ गई थी।
विजय सिंह नाम का एक ऑफ़िसर मुंबई को गुंडों से मुक्त कराने के लिए एक टीम बनता है। इसमें इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर लेवल के पुलिस वाले शामिल हैं। यह कहानी बॉबी देओल द्वारा बनाये गए एक ग्रुप और उनके द्वारा किये जाने वाले एनकाउंटर के इर्दगिर्द घूमते हुए नज़र आएगी। कलाकारों में अनूप सोनियां, जॉय सेनगुप्ता के साथ परियोजना में मुख्य अभिनेता के रूप में पांच नए कलाकार भी शामिल हैं।
कैसी है फिल्म?
मुंबई और अंडरवर्ल्ड की यह कहानी बहुत पुरानी है, मगर अभिजीत देशपांडे की चुस्त पटकथा ने इसे ऊबाऊ नहीं होने दिया। ‘क्लास ऑफ़ 83’ मूल रूप से उस आइडिया का बीज पड़ने और उसके विकसित होने की कहानी है, जिसमें गैंगस्टरों के ख़ात्मे के लिए पुलिस को सिर्फ़ एनकाउंटर का रास्ता नज़र आता है। सियासत और अंडरवर्ल्ड के अटूट गठजोड़ ने पुलिस महकमे के लिए उन्हें ख़त्म करना लगभग नामुमकिन बना दिया था। यह भी कह सकते हैं कि ‘क्लास ऑफ़ 83’ मुंबई में पहले एनकाउंटर स्क्वॉड के बनने की कहानी है।