फिरोजाबाद। ऑपरेशन के लिए बुजुर्ग पीड़ित को 24 हजार रुपये चाहिए थे, लेकिन उसके एवज में बैंक से मात्र 10 हजार रुपये ही मिले। उसके बाद भी पीड़ित बैंक के चक्कर लगाता रहा, लेकिन कैश नहीं मिला। पैसे बिना ऑपरेशन न हो पाने के कारण रविार देर रात उनकी मौत हो गई।
पैसे बिना ऑपरेशन नहीं
थाना क्षेत्र के गांव ठार पीतमगढ उसायनी निवासी 52 वर्षीय रमेश पुत्र बालकिशन डॉ. बीआर अंबेडकर विवि आगरा में बतौर प्राइवेट काम करते थे। इनके दो पुत्र और तीन पुत्रियां हैं। इनमें से रमेश ने दो पुत्रियों की शादी कर दी थी, जबकि तीसरी पुत्री शादी के योग्य है।
रमेश ट्यूमर की बीमारी से पीड़ित थे। उनका इलाज आगरा के निजी अस्पताल में चल रहा था। जहां डाक्टरों ने रमेश को शीघ्र ट्यूमर का ऑपरेशन कराने की सलाह दी थी। इलाज के लिए रमेश ने बाकी रुपयों का इंतजाम कर लिया था, सिर्फ 24 हजार रुपये कम पड़ रहे थे। इसके लिए रमेश सात दिसंबर को नगर की भारतीय स्टेट बैंक जंक्शन शाखा पर अपने खाते से 24 हजार रुपये निकालने के लिए पहुंचे।
शाखा प्रबंधक ने 24 की जगह 10 हजार देते हुए बाकी दो रकम के लिए दो दिन बाद आने को कहा। रमेश नौ दिसंबर को फिर बैंक पहुंचे। सुबह से लाइन में लगे-लगे शाम हो गई। तब कर्मचारियों ने बताया कि बैंक में कैश खत्म हो गया है। ऐसे में फिर आने की बात कहते हुए टरका दिया।
परिजनों का कहना है कि यदि बैंक कर्मचारी उसी दिन उन्हें 24 हजार रुपये दे देते तो उनका ऑपरेशन हो जाता और उनकी जान बच जाती।
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