लोकसभा चुनाव के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को गुजरात हाईकोर्ट के एक फैसले से बड़ा झटका लगा है. गुजरात हाईकोर्ट ने द्वारका से बीजेपी विधायक पबुभा माणेक के चुनाव के दौरान नामांकन फॉर्म में जानकारी छुपाने के आरोप में उनका नामांकन फॉर्म ही रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाने के साथ ही इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने पर भी स्टे लगा दिया.
हाईकोर्ट की ओर से लगातार सातवीं बार द्वारका से चुने गए बीजेपी विधायक पबुभा माणेक का नामांकन फॉर्म रद्द किए जाने के बाद उनका चुनाव रद्द कर दिया गया है और अब वहां फिर से चुनाव कराए जाएगा. 23 अप्रैल को गुजरात में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले कोर्ट का यह फैसला बीजेपी के लिए झटका है.
पबुभा माणेक गुजरात की राजनीति में चर्चित हस्तियों में गिने जाते हैं. पबुभा माणेक 1990 से ही गुजरात में बीजेपी के विधायक रहे हैं. वह 1990 से लेकर अब तक 7 विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं और हर बार बड़े अंतर के साथ चुनाव जीतते रहे हैं.
गुजरात हाईकोर्ट के इस फैसले से बीजेपी को जहां बड़ा झटका लगा तो वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष दोशी का कहना है कि पार्टी के उम्मीदवार मेरामन गोरियां ने यह याचिका दाखिल की थी कि बीजेपी के प्रत्याशी ने इस तरह की सच्चाई को छुपाई है. कोर्ट का यह ऐतिहासिक फैसला है. भारतीय जनता पार्टी किस तरह से सत्ता का दुरुपयोग करती है वह इस फैसले से साफ हो गया है.