'बाबूमोशाय बंदूकबाज' देखने जा रहे हैं तो जरुर पढ़े ये...खबर

‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ देखने जा रहे हैं तो जरुर पढ़े ये…खबर

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ अपने बोल्ड दृश्य और एक्शन सींस के लिए सुर्खियों में है। कुशन नंदी के निर्देशन में बनी ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ फिल्म समीक्षकों को कुछ खास पसंद नहीं आई। अगर आप भी फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो इन बातों से जान लें कि कैसी है फिल्म-'बाबूमोशाय बंदूकबाज' देखने जा रहे हैं तो जरुर पढ़े ये...खबर
1. ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ कोई जैंटलमैन नहीं है। नवाजुद्दीन सिद्दीकी के अलावा फिल्म में ऐसी बात नहीं कि आप उसके साथ चलने की सोचें।

अभी-अभी: फेमस टीवी एक्ट्रेस का कार से हुआ एक्सीडेंट और हुई मौत

2. फिल्म के किरदार उत्तर प्रदेश के किसी जंगलराज वाले हिस्से में है क्योंकि बाबू बिहारी और उससे हत्याएं करने वाले बेधड़क खून-खराबा करते हैं। हत्याओं से भरी फिल्म में यौन उत्तेजना का तड़का लगाने के लिए फुलवा (बेदिता बाग) है।

3. बाबू के लिए सब बराबर हैं। वह निःसंकोच हत्याएं करता है। उसका मानना है कि वह यमराज का एजेंट है। दस साल की उम्र में दो केलों के लिए उसने हत्या की थी और तब से लोगों को नीचे से ऊपर डिलिवर करना उसका पेशा है।

4. फिल्म कोई ठोस बात नहीं करती। स्थानीय माफिया/हत्यारों की कहानियां पहले भी पर्दे पर आई हैं।

5. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ की परंपरा को आगे बढ़ाते ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ के निशाने में वह बात नहीं है। न ही खास नयापन। सारे किरदार नकारात्मक हैं।

6. स्त्री पात्र सेक्स ऑब्जेक्ट हैं। पुरुष हत्यारी मानसिकता से ग्रस्त। पुलिस का एकमात्र दरोगा (भगवान तिवारी) आधा दर्जन बच्चे पैदा कर चुका है और कहानी में सात-आठ साल लंबी छलांग के बाद भी उसकी बीवी गर्भवती है।

7. गालियां, अपशब्द, सेक्स की बातें और दृश्य कुछ लोगों को उत्तेजित कर सकते हैं परंतु फिल्म आगे बढ़ती हुई, धार और असर खो देती है। तर्क के लिए यहां कोई जगह नहीं और कहानी का दम बीच में फूल जाता है।

8. फिल्म में नवाज छाए हैं। भले ही वह टॉल नहीं हैं परंतु डार्क-हैंडसम आत्मविश्वास के साथ भूमिका से न्याय करते हैं। समस्या तब आती है जब उनके सामने कमजोर एक्टर होते हैं।

9. बांके की भूमिका में जतिन निराश करते हैं। बिदिता बेग जरूर नवाज के साथ जमती हैं और दोनों एक-दूसरे के साथ सहज हैं।

10. स्थानीय नेताओं की भूमिका में दिव्या दत्ता और अनिल जॉर्ज का काम भी अच्छा है। अभिनेताओं के बढ़िया परफॉरमेंस के बावजूद फिल्म अपने कथानक और निर्देशन से दर्शकों को बांधने में नाकाम है।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com