क्या आपने कभी सोचा है कि किसमे मन में क्या चल रहा है? अध्ययन बताते हैं कि वास्तव में अधिकांश महिलाओं को पोर्न देखना पसंद होता है, लेकिन यह बात हर महिला पर लागू नहीं होती है। हालंकि महिलाओं को पुरुषों की तुलना में एक अलग स्वरूप में पोर्न देखना पसंद होता है। महिलाओं व पुरुषों दोनों में पोर्न देखने का कारण और पोर्न देखते समय विचार अगल-अलग होते हैं। चलिए आज जानने की कोशिश करते हैं कि पोर्न देखते समय लोग क्या सोचते हैं और क्या पोर्न देखने से कोई फायदा भी होता है।
महिलाएं क्यों देखती हैं पोर्न
पुरुषों की तुलना में महिलाओं के पोर्न देखने के पीछे के अंतर को देखने का एक आसान तरीका है। पिछले कुछ सालों से महिलाओं को कामुकता के दृश्य माध्यमों ने कम आकर्षित किया है। उन्हें ऑनलाइन चैट रूम की भावनात्मक यौन अपील ने अश्लील साइटों के बनिस्पत ज्यादा आकर्षित किया है। महिलाओं को भी पुरुषों की ही तरह पोर्न देखना पसंद होता है, लेकिन ज्यादातर महिलाएं रोमांस और भावनात्मक संबंध का अनुभव करना चाहती हैं। यही कराण है कि महिलाओं को पोर्न किताबें पढ़ना भी बेहद पसंद होता है। यही कारण है कि 50 शेड्स ऑफ अमेरिका में बहुत ज्यादा बिकने वाली किताब रही और इस पर बनी फिल्म को भी महिलाओं ने बेहद पसंद किया।
सीखने का माध्यम है इसलिए महिलाएं देखती हैं पोर्न
समाज की बंदिशों के चलते हम सेक्स को लेकर काफी दबी मानसिकता रखते हैं, ऐसे में महिलाओं व पुरुषों दोनों के लिए पोर्न सीख ने का एक अच्छा ड़रिया हो सकता है। यदि पोर्न कंटेट को सीखने के नज़रिये से देखें तो सेक्स की सुखमय गितविधियों में महारथ हासिल की जा सकती है। लेकिन आपको अपने आप पर नियंत्रण करना सीखना होगा, वरना ये नुकसानदायक भी हो सकता है।
पोर्न देखते समय क्या सोचते हैं पुरुष
एडल्ट कंटेट देखते समय हर आदमी उस अहसास को हकीकत में भी जीना चाहता है। बहुत से लोग तो अपने लव पार्टनर के साथ उन सीन्स को रिपीट करना चाहते हैं जो सेक्स और रोमांस का चरम सुख दे सकें। मूवी देख कर आप इसे भली भांति सीख सकते हैं। परन्तु यह जरूर रखें, कि मूवी में दिखाया गया हर सीन वास्तविक नहीं है हो सकता है एक्टिंग भी की गई हो।
महिलाएं चाहती हैं आप से ये संभोग के दौरान ये 12 राज…
पॉर्न महिलाओं की कामेच्छा को बढ़ता है
क्या पॉर्न देखना महिलाओं की कामेच्छा पर भी असर डालता है? इस संबंध में विशेषज्ञ बताते हैं कि ज्यादा मामलों में यह कामेच्छा को बढ़ा सकता है तो अन्य मामलों में कामेच्छा कम भी हो सकती है, लेकिन एक बात तो है कि पॉर्न देखने पर संतुष्टि मिलती है। कई अध्ययनों में यह साबित हुआ कि पॉर्न देखना रिश्तों और मस्तिष्क के लिए बुरा है, वहीं कई अन्य अध्ययन यह भी कहते हैं कि पॉर्न देखना मस्तिष्क या दिमाग को स्थायी नुकसान नहीं पहुंचाता बल्कि यह आपके लिए अच्छा हो सकता है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं, पॉर्न को केवल शारीरिक सुख के लिए न देखें, बल्कि अपने साथी के साथ एक संपूर्ण सुखद अनुभव के लिए देखें। अगर आंकड़ों पर नज़र डालें तो, इस सहस्त्राब्दि में 60 प्रतिशत पॉर्न स्मार्टफोन पर देखी जाती हैं और मात्र 30 प्रतिशत लोग ही इसे कम्प्यूटर पर देखते हैं।
ऑर्गाज्म मेडिटेशन (orgasmic meditation) क्या है
ऑर्गाज्म मेडिटेशन अन्तिम नहीं है लेकिन इसमें सेक्स के चरम तक पहुंचने वाले सुख का अनुभव होता है। वर्तमान में पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है, क्योंकि यह महिलाओं के लिए है। ऑर्गाज्म मेडिटेशन में महिला के भग-शिश्न (clitoris) को 15 मिनट तक रगड़ता है उसपर आराम से प्रहार करता है। स्ट्रोकिंग कथित तौर पर लिम्बिक सिस्टम (अंग तंत्र) को सक्रिय करता है और ऑक्सीटोसिन को बढ़ा देता है। इस क्रिया के दौरान अपने पार्टनर के बहुत करीब होने का अनुभव होता है और यह चरम सुख प्रदान करता है। इस क्रिया में जरूरी नहीं कि आपके साथ पार्टनर हो, यानी इसमें बिना पार्टनर के भी आपको चरम सुख मिलता है। इस तकनीक की शुरूआत निकोल जाएडोन ने की।
कैसे करते हैं पूरी सेक्स इक्छा
इस क्रिया में जो स्ट्रोक करने वाला होता है वह सीधे क्लिटोरिस पर प्रहार नहीं करता, बल्कि प्यार से और धीरे से पैरों की मसाज करता है। फिर आराम से स्ट्रोकर्स भग-शिश्न पर प्रहार करता है और यह क्रिया 15 मिनट तक निरंतर चलती रहती है। इन 15 मिनट के दौरान महिला को चरम सुख की प्राप्ति हो जाती है।
इससे मिलती है एक नई आज़ादी
इस पद्धति के समर्थकों के अनुसार जब लोग ऑर्गाज्म मेडिटेशन करने के लिए आते हैं तो उनके दिमाग में कई सारी बाते होती हैं, झिझक होती है। लेकिन इसे करने के बाद इसके बहुआयामी प्रभाव से उन्हें एक कमाल की स्वतंत्रता का अनुभव होता है। फिर सेंटर में दोस्त प्रेमी हो जाता है और प्रेमी दोस्त। सीमाओं की पाबंदी से मुक्ति मिल जाती है।
किसी के साथ भी किया जा सकता है अभ्यास
आप सेंटर के भीतर ऑर्गाज्म मेडिटेशन का अभ्यास किसी भी इच्छुक इंसान के साथ कर सकते हैं और आप किसी को इसे करने के लिए ना कहने के लिए भी स्वतंत्र होते हैं। आप स्ट्रोकिंग में शामिल होने के लिये कभी भी हां और ना कर सकते हैं। ऑर्गाज्म मेडिटेशन के अभ्यास में स्वेच्छा को पूरी तरजीह जी जाती है।
इसके होते हैं कुछ नियम
इसके अलावा स्ट्रोकिंग करने जा रहे पुरुष को महिला को ये बताता होता है कि वो क्या करने जा रहा है। इसे सेफरिपोर्टिंग (safeporting) कहा जाता है। महिला स्ट्रोकिंग के दौरान शरीर के निचले भाग के कपड़े निकाल देती है, लेकिन पुरुष पूरे कपड़ों में ही होता है।
महिलाओं के लिए ऑर्गाज्म का महत्व
मास्टर्स ऐंड जॉनसन ने पहली बार वैज्ञानिक अध्ययन के माध्यम से निष्कर्ष निकाला था कि 75 प्रतिशत पुरुष कामक्रीड़ा में शीघ्रपात के शिकार हैं। वे मिलन के दौरान ऑर्गाज्म के पहले ही स्खलित हो जाते हैं। वहीं 90 प्रतिशत स्त्रियां तो यह भी नहीं जानती कि ऑर्गाज्म, शिखर, काम-समाधि दरअसल होती क्या है। जिसके चलते वे इस चरम तक हीं पहुंच पाती हैं। आधुनिक मनोविज्ञान और हमारा तंत्र विज्ञान दोनों इस तथ्य से सहमत हैं कि जब तक स्त्री काम क्रीड़ा में गहन तृप्ति को नहीं होती, वह परिवार के लिए समस्या बनी रहती है।
जानें कैसे टोमैटो केचअप के सेवन से दूर होगी नपुंसकता
क्या आप जानते हैं कि पुरुषों को टमाटर जरूर खाने का एक बड़ा फायदा और होता है। वो पुरुष जो नपुंसकता की समस्या से जूझ रहे हैं, टमाटर और टोमैटो केचअप उनके लिये किसी वरदान की तरह हो सकता है।
टोमैटो केचअप से दूर करें नपुंसकता
टमाटर में प्रोटीन, विटामिन, वसा आदि आवश्यक तत्व मौजूद होते हैं। यह सेवफल व संतरे दोनों के गुणों से भरा है। साथ ही टमाटर खाने से कई और स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। पौष्टिक तत्वों से भरपूर टमाटर लगभग हर मौसम में ही खाना फयादेमंद होता है। फिर चाहें आप इसे सब्जी में डालकर खाएं या सलाद के रूप में, हर तरह से इसका सेवन फायदेमंद साबित होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पुरुषों को टमाटर जरूर खाने का एक बड़ा फायदा और होता है। वो पुरुष जो नपुंसकता की समस्या से जूझ रहे हैं, टमाटर और टोमैटो केचअप उनके लिये किसी वरदान की तरह हो सकता है।
इंफर्टिलिटी की समस्या करें दूर
एक्सपर्ट बतातें हैं कि रोज़ाना एक कप टमाटर जूस पीने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता में इज़ाफा होता है। साथ ही मेल इंफर्टिलिटी की समस्या को भी इसके सेवन से खत्म करने में मदद मिलती है। दरअसल टमाटर के जूस से वीर्य की गुणवत्ता बढ़ाते वाले लाभकारी तत्व मौजूद होते हैं। साथ ही टमाटर में ऐसे गुण भी होते हैं, जो मर्दानगी को बढ़ाने में सहायक सिद्ध होते हैं। साथ ही इसके सेवन से कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं। गौरतलब है कि एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार टमाटर में लाइकोपीन मौजूद होता है, जोकि स्पर्म काउंट को 70 प्रतिशत तक बढ़ा सकता है।
एंटीऑक्सीडेंट गुण के फायदे
एक अध्ययन के मुताबिक एंटीऑक्सीडेंट होने के कारण टमाटर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। इससे इंफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने में मदद मिल पाती है। साथ ही इसमें शक्तिशाली पोषक तत्व भी होते हैं जो स्पर्म काउंट और स्पर्म मोर्टिलिटी दोनों को बेहतर बनाते हैं। कई शोध इस मत का समर्थन करते हैं, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि अभी इस विषय पर और शोध किये जाने की जरूरत है।
टोमेटो केचअप खाने से लाभ
सही तरीके से बने ऑर्गेनिक टोमैटो केचअप का सेवन करने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता बढ़ती है। टमाटर लाल रंग का होता है और इसमें लाइकोपीन नामक शक्तिशाली और लाभदायक तत्व होता है, जो पुरुषों में स्पर्म की संख्या को बढ़ाता है। एसियन जर्नल ऑफ एंड्रोलॉजी में छपे एक शोध में यह बात सामने आयी।
हेल्दी मूसली कितनी फायदेमंद और कितनी नुकसानदायक
सफेद मूसली भी ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है, जो शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिये मशहूर है, हालांकि इसके गुणों को लेकर कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं हैं, लेकिन इसके प्रयोग से शारीरिक क्षमता बढ़ती है।
सफेद मूसली, फायदे और नुकसान
भारत प्राचीन काल से ही सांस्कृतिक धरोहर के साथ जड़ी-बूटियों के लिए भी प्रसिद्ध रहा है। यहां विभिन्न औषधीय पौधे पाए जाते हैं। इसी लिये यहां विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों जैसे, आयुर्वेद, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा आदि प्राचीन काल से ही न केवल चलन में हैं बल्कि विज्ञान और तकनीक के विकास के बाद भी इनकी प्राथमिकता कम नहीं हुई है। सफेद मूसली भी ऐसी ही एक जड़ी-बूटी है, जो शारीरिक क्षमता बढ़ाने के लिये काफी मशहूर है। हालांकि इसके गुणों को लेकर कोई वैज्ञानिक साक्ष्य मौजूद नहीं हैं। तो चलिये जानें सफेद मूसली के फायदे और नुकसान क्या हैं।
शीघ्रपतन के देसी इलाज
सफेद मूसली शीघ्रपतन के देसी इलाज के काफी मशहूर है। कौंच के बीज, सफेद मूसली और अश्वगंधा के बीजों को बराबर मात्रा में मिश्री के साथ मिलाकर बारीक चूर्ण बनाकर एक चम्मच चूर्ण सुबह और शाम एक कप दूध के साथ लेने से शीघ्रपतन और वीर्य की कमी जैसी समस्याएं दूर हो जाती हैं।