गुरमीत रामरहीम वो शख्स जिसे महज कुछ दिनों पहले तक लोग बाबा मानकर पूजते थें लेकिन समय बदला और जब उसके काले करतूतों की पोल खुली तो सब दंग रह गए। डेरे में लड़कियों के शोषण से लेकर अब तक उसके सैकड़ों गुनाहों का पर्दाफाश हो चुका है…गिरफ्तारी के दिन से लेकर अब तक हर रोज कुछ ना कुछ नया खुलासा हो रहा है । अब डेरे मे रहे लोग ही उसकी असलियत सामने ला रहे हैं..डेरे के पुराने सेवक ने रामरहीम और हनीप्रीत के बारे में एक ऐसा ही खुलासा किया है जिस पर यकींन करना मुश्किल है।
डेरे के पुराने सेवादार ने किया खुलासा, हनीप्रीत बाबा के गुनाहों की साथी नही बल्कि पीड़िता थी
एक निजी चैनल से बात करते हुये डेरे मे जन्मे और बड़े हुये गुरदास सिंह ने रामरहीम के बारे में वो सबकुछ बताया है जो उसने देखा और सुना है ..और इस बातचीत में जो सबसे बड़ी बात निकल कर सामने आई वो ये थी कि हनीप्रीत बाबा के गुनाहों की साथी नही बल्कि वो खुद ही एक पीड़िता थी ..और वो रामरहीम का साथ नही दे रही थी बल्कि उसका सर्वनाश करने के लिए उसके गुनाहों को और हवा दे रही थी। जीं हां ये सुनकर आप हैरान हो सकते हैं पर डेरे के सेवक गुरदास सिंह की पूरी बात वाकई गौर करने वाली है जो कुछ इस तरह है…
शुरू से ही थी गुरमीत को ऐसी लत कि बन बैठा दुष्कर्मी
गुरदास सिंह ने बताया कि बाबा शुरू से ही अय्याश किस्म का आदमी था जिसे अश्लील फिल्में देखने का शौक था। धीरे धीरे उसका शौक इस कदर बढ़ा कि उसने डेरे में बाहर से लड़कियां मंगवानी शुरू कर दी ..गुरदास के अनुसार प्रेम नामक महिला शुरूआत में बाबा को लड़की सप्लाई करती थी।इसके बाद बाबा की यह इच्छा जब बलवती होने लगी, तो डेरे मे लड़कियो का स्कूल खोला गया और बाद में हॉस्टल खोला गया।
ऐसे बनाता था लड़कियों को शिकार
स्कूल की 11वीं और 12वीं क्लास की जिन लड़कियों पर गुरमीत की नजर पड़ जाती थी, प्रेम नामक महिला उन लड़कियों से जुड़ी हर जानकारी गुरमीत को बता देती थी। इन लड़कियों को माफी के नाम पर या सिमरन करने के नाम पर एक विशेष कमरे में ले जाया जाता था जिस कमरे में माइक्रोफोन लगा होता था वहीं गुफा में बैठा गुरमीत इनकी सारी बातें स्पीकर के जरिए सुनता रहता था। कमरे में सजावट इस तरह से की गई थी कि कमरा एक तरीके से स्वर्ग में बदल जाता था..कमरे में चारों तरफ मल्टीकलर की लाइटिंग होती थी… अंधेरा हो जाता था और लड़कियां जब सिमरन करने लग जाती और पिताजी-पिताजी कह कर पुकारने लगती तब गुरमीत सिंह एक लिफ्ट के जरिए अचानक कमरे में प्रकट होता था और लड़की को बोलता कि गुरमीत तो अपने गुफा में है और वो खुद तो देव लोक से आया है फिर वह उस लड़की को बहला फुसला कर उसके साथ दुष्कर्म करता था।
हनीप्रीत को भी बनाया शिकार
बाकी लड़कियों की तरह रामरहीम ने हनीप्रीत को भी अपना शिकार बनाया था। गुरदास ने हनीप्रीत के बारे में बताया कि जब हनीप्रीत डेरे में आई तो उस वक्त उसका पूरा परिवार डेरे में ही रहता था.. हनीप्रीत के दादाजी डेरे के खजांची थे.. उसी दौर में गुरमीत सिंह की नजर हनीप्रीत पर पड़ी। फिर उसने 14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे के दिन विश्वास गुप्ता के साथ उसकी शादी करवा दी इस मौके पर गुफा के अंदर पूरे परिवार को बुलाया गया बाद में गुरमीत ने सबसे कहा कि उसे हनीप्रीत को कुछ समझाना है।जिसके बाद सबको बाहर भेज दिया गया और हनीप्रीत को वहीं रोक लिया। गुरदास के मुताबिक उस समय वह गुफा के गेट पर खड़ा था और उसने अपने भाई को बताया कि आज बाबा हनीप्रीत के साथ गलत काम करेगा और वही हुआ हनीप्रीत ने यह बात अपने दादा को बताई हनीप्रीत के दादा ने उस समय वहां पर काफी हो हल्ला किया। इस पर गुरमीत के लोगों ने न सिर्फ हनीप्रीत के दादा की पिटाई की बल्कि उनके सिर पर बंदूक लगाकर कहा कि चुप रहो वरना मार दिए जाओगे। जिसके बाद हनीप्रीत के दादा ने यह बात हनीप्रीत को बताई तो हनीप्रीत ने कहा कि वह डेरे में नहीं रहेगी और फिर वह विश्वास गुप्ता को लेकर फतेहाबाद की तरफ रवाना हो गई।
हनीप्रीत ने ली थी रामरहीम को बर्बाद करने की सौगंध
इधर गुरमीत को जैसे ही यह बात पता चली उसने अपने खास गुंडे हनीप्रीत के पीछे लगा दिए… उन गुंडों ने फतेहाबाद से पहले एक ढाबे पर रोककर हनीप्रीत के सिर पर बंदूक रखकर उससे कहा कि तुम्हारे पूरे परिवार को मार दिया जाएगा। चुपचाप डेरे में वापस चलो और हनीप्रीत वहां वापस आ गई लेकिन हनीप्रीत ने कुछ समय बाद अपने दादा को बताया कि वह इस डेरे को बर्बाद करके ही आखरी सांस लेगी और गुरदास की माने तो हनीप्रीत अपनी सौगंध पूरी करने के लिए बाबा का खास और राजदार बनी । जैसे ही उसे मौका मिला तो उसने कुछ ऐसा किया कि आज बाबा रामरहीम की पोल पूरी दुनिया के सामने है।