हल्द्वानी: दुष्कर्म का मुकदमा लिखाने के बाद मामला निपटाने के लिए 10 लाख रुपये की डिमांड करने वाली युवती को जेल भेज दिया गया। कथित दुष्कर्म पीडि़त युवती युवक पर मुकदमा दर्ज कराने के कुछ दिन बाद बहन बनकर जेल गई। उस पर मुकदमा खत्म करने के लिए रंगदारी मांगने का आरोप लगा। गैर जमानती वारंट जारी होने पर युवती ने कोर्ट में आत्मसमर्पण किया।
वर्ष 2016 में शहर के बरेली रोड पर रहने वाली एक युवती ने गांधीनगर निवासी राहुल मसीह पर शादी का झांसा देकर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर न्यायालय के आदेश पर जेल भेजा। कुछ समय बाद राहुल ने जेल से कोतवाली पुलिस को एक शिकायती पत्र भेजा।
राहुल का आरोप था कि 24 जुलाई 2016 को कथित दुष्कर्म पीड़िता जेल में उससे मिलने आई। युवती ने जेल अधीक्षक को मिलाई के लिए दिए पत्र में खुद को राहुल की बहन बताया। आरोप था कि युवती ने जेल के भीतर दुष्कर्म के मामले को निपटाने के लिए 10 लाख रुपये मांगे। साथ ही राहुल को जमानत पर रिहा होकर बाहर आने पर जान से मारने की धमकी भी दी।
राहुल ने सूचना अधिकार अधिनियम में युवती के जेल में मिलने आने पर बहन होने की झूठी जानकारी देने की सूचना मांगी और इसकी प्रति संलग्न की। राहुल की तहरीर पर पुलिस ने 13 अक्टूबर 2016 को युवती के विरुद्ध धारा मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस युवती के खिलाफ रंगदारी की जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर चुकी है।
इसके बाद न्यायालय ने युवती के गैर जमानती वारंट जारी किए। गत दिवस युवती ने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम हल्द्वानी शचि शर्मा की अदालत में आत्मसमर्पण किया। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद न्यायालय ने युवती के अधिवक्ता की ओर से दिए जमानती पत्र को खारिज कर दिया है। न्यायालय के आदेश पर युवती को जेल भेजा गया है।