ईपीसीए प्रमुख ने गहलोत के इस आरोप पर जवाब दिया कि प्रदूषण से निपटने में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के राज्यों के दायित्वों पर उन्होंने चुप्पी साधे रखी जबकि सम-विषम योजना को लेकर दिल्ली सरकार की आलोचना की गई. लाल ने लिखा, डीडीए के साथ काम करने के बाद मई 2016 की अपनी रिपोर्ट में हमने स्पष्ट किया था कि उपलब्ध आधारभूत संरचना के दायरे में 2000 बसों की पार्किंग के लिए जमीन उपलब्ध है. बहरहाल, हमने पाया है कि अब तक किसी बस की खरीद नहीं की गई.