रविवार को दोपहर बाद 3ः37 बजे आया भूकंप भले ही दिल्ली-एनसीआर के लोगों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाकर गया हो, लेकिन देश की राजधानी दिल्ली में बड़े भूकंप का खतरा अब भी बरकरार है। हिमालय के करीब होने की वजह से दिल्ली को भूकंपीय क्षेत्र के जोन चार में रखा गया है, ऐसे में अगर हिमालयी इलाकों में भीषण भूकंप आया तो दिल्ली के लिए संभल पाना बेहद मुश्किल होगा, इसमें एनसीआर के इलाके भी शामिल है। विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में अगर बड़ा भूकंप आया तो आधी आबादी खत्म हो जाएगी। इसकी सबसे बड़ी वजह है यहां की आबादी का घनत्व, जो काफी ज्यादा है। पिछले दो महीनों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में दो भूकंप आने के बाद इसके भविष्य को लेकर आशंकाओं की हलचल तेज हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि अगर 6 रिक्टर स्केल का भूकंप दिल्ली-एनसीआर में में आया तो तबाही का मंजर बड़ा भयावह होगा।
कब आया था दिल्ली में सबसे बड़ा भूकंप
गौरतलब है कि दिल्ली में 20वीं सदी में 27 जुलाई, 1960 को 5.6 की तीव्रता का बड़ा भूकंप आया था। हालांकि, इसकी वजह से दिल्ली की कुछ ही इमारतों को नुकसान हुआ था, लेकिन तब दिल्ली की जनसंख्या कम थी। वहीं, 80 और 90 के दशक के बाद से दिल्ली की आबादी तेजी से बढ़ी है। अब दिल्ली की आबादी दो करोड़ के आसपास है। ऐसे में आवास की मांग के मद्देनजर पिछले तीन दशक के दौरान दिल्ली में नियमों की अनदेखी करते हुए अवैध निर्माण हुआ है। एक रिपोर्ट में दिल्ली की 80 फीसद इमारतों को असुरक्षित माना गया है। जाहिर है ऐसे में बड़ी तीव्रता का भूकंप आया तो दिल्ली की बड़ी आबादी इससे प्रभावित होगी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal