यौन संचारित रोग से बचने और गर्भनिरोधक के रूप में कंडोम का बहुत उपयोग किया जाता है. कंडोम की मदद से आप बेफिक्र होकर सेक्स का आनंद उठा पाते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि बाजार में कंडोम सस्ते दामों में उपलब्ध हैं और सरकार की तरफ से तो कंडोम मुफ्त मुहैया करवाए जाते हैं. कंडोम के कई फायदे होते हैं और इसका उपयोग करना भी बहुत आसान है. यही वजह है कि ज्यादातर कपल्स अपने घर में कई सारे कंडोम खरीदकर रखते हैं. लेकिन शायद आप इस तथ्य से वाकिफ नहीं हैं कि कंडोम एक्सपायर भी हो सकते हैं.
खराब या एक्सपायर कंडोम के उपयोग की वजह से आपको कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. अतः इस लेख में हम आपको बताएंगें कि एक्सपायरी कंडोम असरकारी होता है या नहीं और एक्सपायर्ड कंडोम का उपयोग करना कितना सुरक्षित है. साथ ही यह भी जानेंगे कि एक्सपायर कंडोम का पता कैसे लगाया जा सकता है.
एक्सपायर कंडोम कितने असरकारी हैं: एक्सपायर्ड या पुराने कंडोम की प्रभावशीलता काफी हद तक कम हो जाती है. एक्सपायर्ड कंडोम अमूमन सूखे और कमजोर होते हैं इसलिए संभोग के दौरान इनके टूटने का डर रहता है. एक्सपायर्ड कंडोम के उपयोग की वजह से आप और आपके पार्टनर में यौन संचारित संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है. साथ ही ऐसे कंडोम के उपयोग से प्रेगनेंसी का खतरा भी रहता है. अगर कंडोम (जो कि एक्सपायर न हुआ हो) सही तरह से उपयोग किया जाए तो यह 98 फीसदी तक प्रभावशाली होता है. अगर कंडोम को एक्सपायर हुए काफी समय बीत चुका है तो उसकी प्रभावशीलता न के बराबर होगी. आमतौर पर एक कंडोम की उम्र 3 से 5 साल तक की होती है. वैसे कंडोम की उम्र उसके ब्रांड (बनाने वाली कंपनी) पर भी निर्भर होती है. साथ ही कंडोम को किस तरह रखा गया है, यह बात भी उसके एक्सपायर होने के लिए मायने रखती है.