New Delhi: DOKLAM विवाद पर INDIA और CHINA के बीच तनातनी जारी है। इसी बीच CHINA ARMY ने बड़ी धमकी दी है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख के मुताबिक डोकलाम विवाद पर अगर भारत का रुख नरम नहीं होता है चीन की सेना छोटा हमला करेगी।अभी-अभी: देश के हाथ लगी एक और बड़ी कामयाबी, UP के मुजफ्फरनगर से पकड़ा…
लेख के मुताबिक चीन किसी कार्रवाई से पहले भारत को जानकारी देगा। लेख में ये भी कहा गया है कि कार्रवाई के दौरान भारतीय सैनिकों को या तो बंदी बना लेगा या वहां से हटा देगा।
शंघाई एकेडमी ऑफ सोशल साइसेंज के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस में रिसर्च फेल हु ज़ियोंग ने कहा, ‘पिछले 24 घंटों में चीन की ओर से की गई टिप्पणियां दिखाती हैं कि चीन भारतीय सेना को चीनी क्षेत्र में लंबे समय तक बर्दाश्त नहीं करेगा, चीन दो हफ्तों के भीतर भारत के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन कर सकता है।’
ग्लोबल टाइम्स ने हु जियोंग के हवाले से लिखा है कि चीन की सैन्य कार्रवाई का मकसद डोकलाम में मौजूद भारतीय सैनिकों को कैद करना या फिर उन्हें पीछे धकेलना शामिल होगा, साथ ही चीन का विदेश मंत्रालय ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले भारत के विदेश मंत्रालय को अपने फैसले की सूचना देगा।’
भारत के रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक चीन डोकलाम मुद्दे पर सिर्फ धमकी दे रहा है। एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए रक्षा विशेषज्ञ नितिन गोखले ने कहा, ”जब असली युद्ध होता है तो उससे पहले इस तरह घोषणा नहीं करते। इसलिए चीन की तरफ से जो भी खबरें आ रही हैं वो सिर्फ चीन के कुछ एक्सपर्ट की राय हैं।
यह अभी चीन की आधिकारिक राय नहीं है। दो बड़े देशों के बीच में इस तरह की बातचीन नहीं होती है। चीन में जो भी लिखने वाले हैं वो समय समय पर ऐसी घोषणाएं करते रहतें हैं। भारत की ओर से ऐसा अभी तक कोई भी बयान नहीं आया है जिससे दोनों देशों के बीच में कटुता बढ़े।”
डोकलाम में डटे भारतीय सैनिकों पर युद्ध की धमकियों का कोई असर न होता देख अब चीन शायद कूटनीतिक दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है। इसी क्रम में नई दिल्ली स्थिति चीनी राजनयिकों ने नेपाली अधिकारियों को इस मुद्दे पर अपना पक्ष बताया है। चीन का नेपाल के साथ इस विवाद पर चर्चा करना दो वजहों से बेहद अहम है। पहली बात तो यह कि भारत एक विवादित क्षेत्र में चीन और नेपाल के साथ एक ट्राइजंक्शन शेयर करता है। दूसरा कारण यह कि बीते कुछ वक्त से भारत अपने पड़ोसी नेपाल पर प्रभाव कायम करने के मामले में संघर्ष कर रहा है।
राजनयिक सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि डोकलाम मुद्दे पर चीनी डेप्युटी चीफ ऑफ मिशन ने अपने नेपाली समकक्ष से चर्चा की। चीनी अफसर ने हाल ही में नियुक्त नेपाली अधिकारी को चीन के रुख से अवगत कराया। हालांकि, इस मुलाकात को शिष्टाचार भेंट बताया गया। चीन और नेपाल के अफसरों के बीच ऐसी ही बैठकें काठमांडू और पेइचिंग में भी हुईं।
भारत ने सार्वजनिक तौर पर यह नहीं बताया है कि उसने इस मुद्दे पर दूसरे दूशों को अपने रुख की जानकारी दी है कि नहीं। हालांकि, कुछ हफ्ते पहले इस मुद्दे पर अमेरिकी डिप्लोमैट्स से चर्चा की थी। नेपाल ने इस मामले में अभी तक भारतीय अधिकारियों से कोई जानकारी नहीं मांगी है। हालांकि, नेपाल के बुद्धिजीवी वर्ग का मानना है कि भारत, चीन और भूटान के बीच लंबे वक्त तक चला विवाद उनके हित में नहीं है।