हालिया शोध के मुताबिक, गर्भवती महिलाओं की खुराक में विटामिन ई की कमी से बच्चों में मानसिक कौशल संबंधी विकार और मेटाबॉलिज्म में समस्या की आशंकाएं पैदा हो सकती हैं. ऐसे में विटामिन ई की खुराक सीखने का कौशल बढ़ाने में मददगार है.
इस शोध को जेब्राफिश पर किया गया, क्योंकि उसका नर्वस सिस्टम डवलपमेंट इंसानों की तरह ही है. इस शोध में पता चला है कि जेब्राफिश में फर्टिलाइजेशन के पांच दिनों बाद भ्रूण में विटामिन ई की कमी से ज्यादा विकृतियां और मृत्यु की आशंका ज्यादा पाई गई. साथ ही यह डीएनए के मेथिलेशन लेवल को पांच दिन में बदल देता है. एक अंडे को तैरने योग्य जेब्राफिश बनने में पांच दिन का समय लगता है.
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हालांकि, जन्म के बाद इन्हें विटामिन ई की उचित मात्रा दिए जाने के बाद भी ये मछलियां सीखने में असफल रहीं और ये डरी हुई पाई गईं.
अमेरिका के ओरेगोन स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मारेट ट्राबेर ने कहा कि इन मछलियों में दिमाग का गठन हुआ, लेकिन ये बेवकूफ रहीं और सीखने में सफल नहीं रहीं और सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं दे सकीं.
ट्राबेर ने कहा कि विटामिन ई की कमी से इन भ्रूणों में चोलीन और ग्लूकोज की कमी रही और इनका विकास सही तरीके से नहीं हुआ.