फीस बढ़ाने वाले स्कूलों के खिलाफ पंजाब सरकार हरकत में आ गई है। आदेश के बाद भी फीस में इजाफा करने वाले राज्य के 720 स्कूलों के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। खबर है कि इनमें से कुछ स्कूलों ने किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए अतिरिक्त दुकानों की जानकारी देने में भी असफल रहे थे। फीस के मामले पर पंजाब के स्कूलों ने राज्य सरकार के फैसला का विरोध किया था।

30 मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निजी स्कूलों को फीस नहीं बढ़ाने या अभिभावक को किसी खास दुकान से किताबें खरीदने पर मजबूर करने के खिलाफ आदेश जारी किए थे। जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया था। हालांकि, सरकार के इस फैसले के विरोध में भी कई स्कूल उतर आए थे। उनका कहना था कि कानूनी तौर पर वे हर साल 8 फीसदी फीस बढ़ा सकते हैं।
खास बात है कि पंजाब में कुछ सालों से पैरेंट्स निजी स्कूलों की तरफ से फीस बढ़ाए जाने का विरोध कर रहे हैं। इसके अलावा बीते दो सालों में महामारी के बीच इस मामले ने तूल पकड लिया था। अभिभावकों ने आरोप लगाए कि कक्षाएं ऑनलाइन चलने के बावजूद निजी स्कूल फीस काफी बढ़ा रहे हैं। निजी स्कूलों के खिलाफ राज्य के शिक्षा विभाग में भी कई शिकायतें दर्ज कराई गई थी।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, शिक्षा विभाग के आंकड़े बताते हैं कि पंजाब में 28 हजार 568 स्कूल हैं। इनमें से 67 फीसदी सरकारी हैं और बाकी निजी, आदर्श और अन्य वर्ग के हैं। करीब 9 हजार निजी स्कूलों में से 6500 फेडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स एंड एसोसिएशन्स का हिस्सा हैं। राज्य के अधिकांश निजी स्कूल (5400) पंजाब स्कूल एजुकेशन बोर्ड (PSEB) से संबद्ध हैं। जबकि, 1481 स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) और करीब एक सैकड़ा ICSE से जुड़े हैं।
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