आम्रपाली के फ्लैट खरीदार अपने हक के लिए सड़क पर खूब प्रदर्शन कर रहे थे और कोर्ट भी बिल्डर पर दबाव बना रही थी। दूसरी ओर 2018 तक आम्रपाली के निदेशक एवं उनसे जुड़े हुए लोग पैसों को हड़पने में लगे थे। निदेशकों ने प्रोफेशनल फीस के नाम पर फ्लैट खरीदारों के करोड़ों रुपये गबन कर लिए और उससे संपत्ति खरीदी व शान शौकत पर जमकर खर्च किया।

आम्रपाली के फॉरेंसिक ऑडिट और अदालत के जांच के बाद यह खुलासा हुआ है। आम्रपाली के निदेशकों ने वेतन और प्रोफेशनल फीस के नाम पर करोड़ों रुपये कंपनी से वसूले। जबकि नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति एक ही समय पर किसी एक कंपनी से वेतन और प्रोफेशनल फीस एक साथ नहीं ले सकता है, परंतु आम्रपाली के निदेशकों ने इसमें नियमों को ताक पर रखकर मनमानी की।
वेतन, प्रोफेशनल फीस, खर्च का भुगतान, लग्जरी कारों का उपयोग, कंपनी से खुद के लिए और परिवार से जुड़े लोगों के लिए ऋण और एडवांस के अलावा अपनी बनाई कंपनी तक को लाभ पहुंचाया गया। यह सब पैसा फ्लैट खरीदारों का था।व्यवसायिक फीस के नाम पर बिना एग्रीमेंट के ऐसे पैसे का डायवर्जन खुद और जुड़े लोगों के लिए किया गया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि निदेशकों और उनसे जुड़े साझेदारों ने फ्लैट खरीदारों के विश्वास को तोड़ा है। उन्होंने कोष का ट्रांसफर ऐसी कंपनियों में किया, जिससे निदेशक, परिवार के सदस्य और अन्य लोग कहीं न कहीं से जुड़े थे।
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