न्यू गुरुग्राम में सेक्टर 82 स्थित डीएलएफ प्राइमस सोसायटी के लोगों ने बढ़ते वायु प्रदूषण से मुक्ति के लिए एक अनोखा तरीका निकाला है। इस तरीके से एक पंथ दो काज हो रहे हैं। 32 मंजिली इस सोसायटी की तीन टावरों में बृहस्पतिवार को अग्निशमन के लिए सोसायटी में लगी पाइप और स्प्रिंकलर की सहायता से कृत्रिम बारिश कराकर प्रदूषण कम करने की कोशिश की गई। इससे अग्निशमन के लिए प्रयोग में लाए जा रहे स्प्रिकलर और उसके पानी फेंकने की क्षमता की जांच भी हो रही है और हवा में मौजूद प्रदूषणकारी पीएम 2.5 के कण पानी से साथ जमीन में मिल जा रहे हैं।
इस सोसायटी में नौ टावर हैं, जिनमें 750 परिवार रहते हैं। छह टावरों में कृत्रिम बारिश या पानी की फुहारों से प्रदूषण हटाने के इस तरीके का प्रयोग शुक्रवार को किया जाना है।सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अचल यादव ने बताया कि अग्निशमन के लिए लगाई गई, पाइप और स्प्रिंकलर की जांच सोसायटियों में नहीं हो पाती है, किसी आपदा के समय यह काम आए इसके लिए समय पर इसकी जांच जरूरी है और गुरुग्राम की हवा जिस तरह प्रदूषित हो रही है, ऐसे में इसकी फुहारों से प्रदूषण कम होता है, इसलिए यह तरीका अपनाया जा रहा है।
अन्य सोसायटियों ने भी अपनाया है, इस तरह का तरीका
पिछले दिनों जब प्रदूषण बढ़ने लगा था तो सेक्टर 92 स्थित सारे होम्स सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष प्रवीण मलिक के नेतृत्व में सोसायटी के बिजली के खंभों के साथ स्प्रिंकलर को जोड़कर पानी की फुहारे फेंकी गई थी। इस सोसायटी के लोग सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के शोधित जल का प्रयोग प्रदूषण हटाने के लिए करते रहे हैं। सेक्टर 82 स्थित मैप्सको कासाबेला सोसायटी के आरडब्ल्यूए अध्यक्ष धर्मवीर सिंह ने बताया कि तीन साल पहले जब प्रदूषण बहुत ज्यादा था, तब अग्निशमन के उपकरणों को छत पर लगाकर उनकी सोसायटी के 20 से 26 मंजिले टावरों पर भी ये प्रयोग किए गए थे। इस बार दिवाली के समय हवा थी, इसकारण इतना ज्यादा प्रदूषण नहीं हुआ। आने वाले दिनों में अगर प्रदूषण बढ़ेगा तो वे भी यह प्रयोग करेंगे।
कार पुल करके भी बचते हैं प्रदूषण से
गुरुग्राम की ज्यादातर सोसाइटियों में सार्वजनिक परिवहन की सुविधा नहीं है। हर व्यक्ति के लिए अपना निजी वाहन होना बहुत जरूरी है। सोसाइटिया शहर के बाजार, मेट्रो स्टेशन, बसस्टैंड और मॉल आदि से दूर हैं। कृत्रिम बारिश से प्रदूषण मुक्ति के उपाय ढ़ूढने वाली डीएलएफ प्राइमस सोसायटी के लोगों ने कार पुलिंग का भी तरीका अपनाया है। आस-पास की अन्य सोसाइटियों के साथ ग्रुप बनाकर कार पुलिंग का प्रयोग कर रहे है। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष अचल यादव ने कहा कि हर व्यक्ति अपनी गाड़ी नहीं निकालनी पड़े इसलिए लोग एक दूसरे के साथ कार शेयर कर रहे हैं। ग्रुप के माध्यम से गंतव्य की जानकारी लेकर लोग एकदूसरे के साथ जा रहे हैं। इससे सड़क पर वाहन कम हो रहे हैं और प्रदूषण कम हो रहा है और आर्थिक बचत भी हो रही है।